टीएनपी डेस्क (TNP DESK): हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना पति की बैकबोन और ढाल बनकर खड़ी रही है. क्योंकि हेमंत सोरेन इस वक्त जमीन घोटाले मामले में जेल में है. लेकिन उनके जेल में रहने के बावजूद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पूरी तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा की सियासत को संभालती दिख रही है. इसी कड़ी में कल्पना सोरेन को झामुमो ने गांडेय विधानसभा उपचुनाव में अपना उममीदवार बनाया है. वहीं उम्मीदवार बनाए जाने के काफी पहले से ही कल्पना लगातार क्षेत्र का दौरा कर जनता के बीच अपनी बातों को रख रही है. इसी कड़ी में 29 अप्रैल  यानि सोमवार को कल्पना सोरेन गांडेय में अपना नामांकन दाखिल करेंगी. जहां उनके साथ झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सहित इंडिया अलायंश के तमाम नेता समेत कार्यकर्ता शामिल होंगे. वहीं नामांकन दाखिल करने से पहले आज कल्पना सोरेन दिशोम गुरु गुरू शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित आवास जाकर उनसे मुलाकात की और आशीर्वाद ली.

कल्पना ने लिखा आंदोलन से बने विशाल वृक्ष का नाम है झामुमो

इस दौरान कल्पना ने हेमंत सोरेन के एक्स एकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि - आंदोलन, संघर्ष और शहादत से बने विशाल वृक्ष का नाम है झामुमो!  झारखण्डवासियों के हक-अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ने वाले संघर्ष का नाम है झामुमो!  झारखण्ड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष आदरणीय बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी द्वारा मुझे गांडेय विधानसभा उपचुनाव लड़ने का निर्देश दिया गया है. उपचुनाव हेतु झामुमो के तीर-कमान की शक्ति के साथ कल नामांकन पत्र दाखिल करने से पूर्व आज आदरणीय बाबा, मां और दीदी का आशीर्वाद लिया. झारखण्डी अस्मिता की रक्षा करने वाले सच्चे सिपाही हेमन्त जी की जीवन संगिनी, मैं, कल्पना मुर्मू सोरेन, झामुमो की सिपाही के रूप में झारखण्ड और गांडेय विधानसभा की जनता के हक-अधिकार के लिए जीवनपर्यंत कार्य करती रहूंगी. आप सभी के स्नेह और आशीर्वाद के साथ आने वाले वक्त में गांडेय विधानसभा की तस्वीर बदली जाएगी. जोहार! झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जिंदाबाद! दिशोम गुरु शिबू सोरेन जिंदाबाद! हेमन्त सोरेन जिंदाबाद! जय झारखण्ड!

गुरुजी से आशीर्वाद लेकर कल्पना ने राजनीति में रखा था कदम

बताते चले कि कल्पना सोरेन ने जब सार्वजनिक रूप में राजनीति में कदम रखने का फैसला किया था. उस वक्त भी उन्होंने दिशोम गुरू शिबू सोरेन और अपनी सास रूपी सोरेन से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया था. जिसके बाद उन्होंने लिखा था कि अब वह सार्वजनिक रूप से राजनीति में कदम रख रही है. इसके बाद उन्होंने पहली बार गिरिडीह की जनता के सामने मंच से दहाड़ लगाई थी.