धनबाद(DHANBAD): झारखंड में भाजपा इतरा रही है कि वह गठबंधन की गांठ को मजबूत कर लिया है. लोकसभा की कुल 14 और विधानसभा में 50 से अधिक सीटें जीत कर परचम लहरा कर रहेगी. भाजपा के प्रदेश प्रभारी व सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई का यह दावा है. इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा भी महागठबंधन को एक जुट रखने की सफलता पर गर्व कर रहा है. झारखंड में अगला चुनाव भी महागठबंधन हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ही लड़ेगा .वैसे भाजपा केंद्रीय नेतृत्व कुछ सोच समझकर ही सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई को झारखंड का प्रभारी बनाया होगा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज संथाल परगना में सरकार की उपलब्धियों को बताएंगे
मंगलवार को भाजपा के दिग्गज जहां रांची में सचिवालय को घेरेंगे, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संथाल परगना के बरहेट में लोगों को अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताएंगे. उन्हें भरोसा दिलाएंगे कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ही उनके बारे में सोचती है और करती है. बाकी लोग तो केवल ठगते हैं. संथाल परगना के भोगनाडीह में हूल क्रांति के महानायक अमर वीर शहीद सिद्धू कान्हो की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री आज भोगनाडीह में रहेंगे. कई कार्यक्रम भी होंगे. आज ही भोगनाडीह में कद्दावर नेता हेमलाल मुर्मू भाजपा से नाता तोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा इसे अपनी एक मजबूती मानता है.
हेमलाल मुर्मू की घर वापसी से भाजपा में मची खलबली
झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडे का कहना है कि हेमलाल मुर्मू की घर वापसी से भाजपा में खलबली मची हुई है. भाजपा अपना सियासी वजूद बचाने के लिए ही सचिवालय घेरने का काम कर रही है. भाजपा की डबल इंजन सरकार से मिले झटके को राज्य के लोग भूल नहीं पाए हैं. भाजपा का प्रदेश संगठन गुटबाजी में फंसा हुआ है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कहना है कि झारखंड अराजकता की ओर जा रहा है. और यह काम झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार कर रही है. जनता परेशान है, सरकार के लोग मस्त हैं और जनता पस्त है. साढ़े 3 साल में यह सरकार अपनी घोषणा पत्र पर काम नहीं की. जनता को धोखे में रखा.
भाजपा के कार्यक्रम को विफल करने के लिए राज्य सरकार मशीनरी का कर रही दुरुपयोग
इधर, भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि भाजपा के कार्यक्रम को विफल करने के लिए राज्य सरकार अपनी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है. सरकार की कोशिश है कि जितना हो सके ,भाजपा के सचिवालय घेराव कार्यक्रम में विघ्न बाधा डाला जाए. वैसे संथाल परगना झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ रहा है. इस गढ़ को बचाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा हर प्रयास करेगा तो भाजपा भी इसमें सेंधमारी करने की भरपूर कोशिश करेगी. देखना है झारखंड में जो राजनीतिक तपिश तेज हुई है, वह 2024 के चुनाव तक किस तरह और कैसी कैसी रंग दिखाती है. वैसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को भी संथाल में ही थे.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
Recent Comments