रांची(RANCHI):  शिक्षक दिवस के अवसर पर आज झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद सभागार में राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तत्वाधान में आयोजित इस राज्यस्तरीय सम्मान समारोह में माध्यमिक शिक्षा निदेशक  राजेश प्रसाद, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रशासी पदाधिकारी सचिदानंद दि. तिग्गा, झारखंड शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद के उप निदेशक  प्रदीप चौबे,  बिंध्याचल पांडेय, सहायक निदेशक  बांके बिहारी सिंह समेत सभी जिलों के डायट से दो डॉन संकाय सदस्य समेत शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए. 

सम्मान समारोह में शिक्षकों के पेशेवर विकास के लिए लागू किये गए 50 घंटे के अनिवार्य समेकित-सतत व्यावसायिक विकास कार्यक्रम (CCPD) के लिए मॉड्यूल लेखन, मॉड्यूल का डिजिटल स्वरुप तैयार करने के लिए समर्पित कुल 128 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, शाल देकर सम्मानित किया गया. समारोह में राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए अनुशंसित रामगढ़ के मनुवा के पीएम उच्च विद्यालय के सहायक शिक्षक  सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता और चतरा के उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय, दवारी के सहायक शिक्षक  मनोज कुमार चौबे को 25000 रुपये की सम्मान राशि, शॉल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीलम रानी ने किया. 

सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक  राजेश प्रसाद ने कहा कि जब हम शिक्षक दिवस की बात करते है तो हमारे जीवन में जिनकी सबसे अहम् भूमिका है उनका किरदार सामने आता है. राष्ट्रपति रहते हुए भी डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन ने अपनी जड़ो को नहीं छोड़ा. उन्होंने अपने जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और अपने पूरे जीवन को शिक्षकों के नाम समर्पित कर दिया.  प्रसाद ने कहा कि अब हमारे बीच नयी नयी तकनीके आ गयी है, हम तकनीकों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाएं. शिक्षक जो पढ़ाते है, वह बच्चे ग्रहण कर रहे है या नहीं, इसपर ध्यान देने की आवश्यकता है. हर वर्ष हमारे शिक्षकों को सम्मान मिले, इसके लिए जरूरी है कि शिक्षक अपने अनुभवों से बच्चो के सर्वांगीण विकास की दिशा में निरंतर पहल करे. 

राजेश प्रसाद ने कहा कि बच्चे एक गीली मिटटी की तरह है, और शिक्षक कुशल कुम्हार की भूमिका में होते है. बच्चे जिस विषय में कमजोर है, उसपर अधिक ध्यान दे. बच्चो की कमजोरी को पहचान कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे. कक्षा के अंतिम पंक्ति में बैठा बच्चा अगर पहली पंक्ति में बैठने के लिए प्रेरित होगा तभी हमारा प्रयास सार्थक होगा. शिक्षक अपना लक्ष्य स्वयं तय करे. 

शिक्षकों में दिखी खुशी 

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को मिले सम्मान पर शिक्षक काफी खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. शिक्षकों ने इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का आभार प्रकट किया. गणित और विज्ञान के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए अनुशंसित मनोज कुमार चौबे ने कहा कि सम्मान के साथ नयी जिम्मेदारी भी आ जाती है. मै गणित और विज्ञान को समेकित करते हुए कला संस्कृति के माध्यम से शिक्षा को रोचक बनाता हूं. ऐसा करने से बच्चे रचनात्मक ढंग से पढ़ने के लिए प्रेरित होते है.