दुमका(DUMKA):बिहार से अलग एक राज्य बनाया गया जिसका नाम रखा गया झारखंड. लेकिन देखते ही देखते झारखंड लूटखण्ड में तब्दील हो गया. इसकी बानगी ईडी की कार्यवाही में दिख रही है. कैसे, नेता, अधिकारी और माफिया मिलकर झारखंड को दोनों हाथों लूटने में लगे है.
फर्जी चालान से खनिज संपदा को भेजते थे बाहर
झारखंड में ऐसे नटवरलाल की कमी नहीं जो सरकार को राजस्व का चूना लगाने का मौका से नहीं चूकते हैं. दुमका जिला प्रशासन ने एक ऐसे गिरोह का उद्भेदन किया है. जो फर्जी चालान के माध्यम से खनिज संपदा को बाहर भेजते थे. पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि 6 आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है. प्रेसवार्ता में एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने इसकी जानकारी दी.
पुलिस ने मामले में 4 को किया गिरफ्तार
उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के निर्देश पर एसडीओ कौशल कुमार, डीएमओ कृष्ण कुमार किस्कु औऱ एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी एक मामले की जांच के लिए दिग्घी पहुंचे थे. रिंग रोड पर एक स्टोन चिप्स लोड ट्रक के चालक आलोक कुमार से अधिकारियों ने चालान की मांग की. चालक द्वारा प्रस्तुत परिवहन चालान को डीएमओ ने जब जांच की तो वह फर्जी निकला. चालक को गिरफ्तार करते हुए मुसाफिरखाना में विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई अधिकारियों ने चालक से इस बात की जानकारी दी कि आखिर उसने यह चालान कहां से खरीदा था. चालक ने बताया कि प्रशासन ने काठीकुंड थाना क्षेत्र से लखन पाल नामक युवक को गिरफ्तार किया. उसकी निशानदेही पर परमेश्वर मंडल तथा दिवाकर कुमार को गिरफ्तार किया गया. एसडीपीओ ने बताया कि मोबाइल ऐप के माध्यम से फर्जी चालान निर्गत कर एजेंट के माध्यम से ट्रक चालकों को उपलब्ध कराया जाता था.
यह गिरोह लंबे समय से था सक्रिय
वहीं जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि इसके पूर्व भी बगैर चालान या फर्जी चालान को लेकर कई मामले दर्ज किए गए है. उन्होंने कहा कि देख कर अंदाज लगाना मुश्किल होता है कि कौन चालान असली है, और कौन नकली. तकनीक के इस्तेमाल से ही असली और नकली चालान को पकड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह गिरोह लंबे समय से इस कार्य मे संलिप्त था. उन्होंने स्वीकार्य किया कि इससे सरकार को राजस्व की हानि होती है.
6 आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
पुलिस का अनुसंधान जारी है. 6 आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. उसके पकड़ाने के बाद हो सकता है कुछ और नए नाम सामने आए और कई सफेदपोश भी बेनकाब हो सकते है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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