साहिबगंज (SAHIBGANJ) : साहिबगंज जिले में इन-दिनों उफान मारती गंगा नदी की मचलती धारा सब कुछ मिटाने की ज़िद पर अड़ गई है. वहीं उधवा प्रखंड क्षेत्र पूर्वी नारायणपुर में बनी करोड़ो की बोल्डर क्रेटिंग का कार्य धराशाही हो रहा है तो राजमहल प्रखंड के गदाई दियाराह में सोना उगलने वाले रत्नगर्भा धरती ताश की पत्ते के तरह टुकड़े टुकड़े होकर गंगा नदी में समा रही है. इतना ही नहीं बल्कि उफान मारती गंगा नदी के किनारे बसने वाले सैकड़ो परिवारों की जिंदगी टापू में तब्दील हो गई है. यहाँ तक कि बिहार के बक्सर से लेकर साहिबगंज तक गंगा नदी ने इस बार पिछले तीन साल के बाढ़ की रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहीं साहिबगंज जिले के राजमहल प्रखंड पर स्तिथ गदाई दियाराह पंचायत के कुल 14 टोला गाँव की भी यह स्थिति है. 

वहीं गदाई दियाराह के नाथू टोला में बने लोगों के आशियाना देखते ही देखते गंगा नदी में विलीन हो रहें हैं. साथ ही रामबचन टोला में पक्की सड़क पलक झपकते ही टुकड़े-टुकड़े होकर गंगा में समा रही है. इसके अलावा रामानंद टोला, सिल्लू टोला, वंशीधर टोला, फुलचंद टोला, फागू टोला, नारायण टोला, बालू टोला में तो रात-रात भर मकान पर मकान गायब होते जा रहा है. इतना ही नहीं सोना उगलने वाली रत्नगर्भा धरती को गंगा नदी की उफान मारती तूफानी धारा छल्ली-छल्ली कर रही है और खेप की खेप निगलते जा रही है. 

उफान मारती गंगा नदी में अचानक आये तबाही की मंजर को देख बाढ़ग्रस्त इलाको में बसने वाले लोगों के अपने पैरों तले जमीन और घरों को खिसकते देख होंशउड़ गए है. रातों-रात घर ग्रस्ति का सामान लेकर किसी तरह पलायन होने को मजबूर है. वहीं बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि उफान मारती गंगा नदी में कई लोगों के मकान विलीन हो चुके हैं. 

रिपोर्ट : गोविंद ठाकुर