रांची(RANCHI): झारखंड की मंईयां के लिए एक बुरी खबर है. राज्य की 56 लाख 61 हजार बहन-बेटियों को अभी मंईयां योजना की छठी किस्त का इंतजार और करना होगा. या यूं कहे कि लाभुकों को फरवरी के महीने में भी योजना की राशि नहीं मिलेगी. योजना की छठी और सातवीं किस्त के लिए लाभुकों को अब मार्च का इंतजार करना होगा. क्योंकि, विभाग द्वारा किए जा रहे सत्यापन के कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. ऐसे में अब जनवरी, फरवरी और मार्च महीने की किस्त एक साथ मार्च में ही आने की संभावना है.
पहले इस योजना में राशि भेजने की तिथि 8 से 11 के बीच रखी गई थी. लेकिन जैसे-जैसे इस योजना में त्रुटि आई वैसे ही यह डेडलाइन आगे बढ़ती चली गई. पांचवी किस्त का इंतजार भी थोड़ा लंबा हुआ. हालांकि, आखिर में 7 जनवरी को मुख्यमंत्री ने सभी के खाते में DBT के जरिए पैसा भेज दिया. लेकिन अब जनवरी और फरवरी के पैसे को लेकर स्थिति साफ है. जिस तरह से सत्यापन की प्रक्रिया जारी है यहां तक की इसे लेकर कैम्प लगा कर सभी लाभूक का सत्यापन पूरा करने का आदेश भी विभाग ने जारी किया है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है की सत्यापन का कार्य पूरा होने पर ही लाभुकों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे.
दरअसल, इस योजना का लाभ गलत तरीके से कई लोगों द्वारा उठाया जा रहा है. कई मामलों के सामने आने के बाद सरकार द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश में पहले 31 मार्च तक सभी लाभुकों को बैंक खाता आधार से लिंक करने के लिए कहा गया है. दूसरा आंगनबाड़ी सेविका और बाल विकास परियोजना के कर्मचारियों को डोर टू डोर जा कर योजना का लाभ उठा रही लाभुकों की जांच करने का आदेश दिया गया है. जिससे यह स्तिथि साफ हो सके की आखिर कौन सही और कौन ग़लत तरीके से इस मंईयां योजना का लाभ ले रहा है. जांच को लेकर विशेष कैंप भी पंचायत स्तर पर लगाया जाएगा.
देखा जाए तो योजना में लाभुकों की संख्या काफी अधिक है. जिस वजह से इसे पूरा करने में करीब दो माह का समय लग सकता है. ऐसे में जब तक योजना के एक-एक लाभूक का सत्यापन नहीं किया जाता है तब तक योजना के किसी भी लाभूक को पैसा नहीं दिया जाएगा. सत्यापन का कार्य पूरा होने पर एक साथ जनवरी, फरवरी और मार्च का पैसा भेजा जा सकता है.
बता दें कि, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभूक बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज के जरिए लाभ ले रहे है. बंगाल और बिहार के भी लोगों ने गलत जानकारी दे कर इस योजना का लाभ लिया है. पहले बोकारो में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. यहां पर एक व्यक्ति 90 से अधिक आवेदन कर योजना का लाभ ले रहा था. इसके बाद फिर जांच में हजारीबाग और पलामू व गढ़वा में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है.
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