टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : राज्य में सहायक पुलिस कर्मियों की स्थिति अब बाद से बाद हो चुकी है, उनके अनुबंध की अवध अब खत्म हो चुकी है और अब इन सहायक पुलिस कर्मी का हाल ऐसा है की बेरोज़गारी का ठप्पा इनके नाम के आगे लग चुका है, पर सरकार अभी भी मौन है.
हालांकि अनुबंध अवध खत्म होने के बाद भी सहायक पुलिस अपनी नौकरी की गुहार सरकार से लगा रहे हैं. जिसे लेकर एक बार फिर उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बातों को सरकार तक पहुँचाया है. सोशल मीडिया X पर उन्होंने लिखा, "आज अनुबंध खत्म, सपने खत्म,
पर सरकार के कानों तक अभी कोई आहट नहीं
शायद कुर्सी की आवाज़ इतनी ऊँची है,
कि भूख की आवाज़ सुनाई ही नहीं देती.
जिन हाथों ने क़ानून और क़ायदे की रक्षा की,
आज वही हाथ बेरोज़गारी की जंजीरों में बंध गए,
और सरकार बस देख रही."
इस पोस्ट के साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, मंत्री इरफान अंसारी, मंत्री दीपिका पांडे सिंह, मंत्री चमरा लिंडा, मंत्री दीपक बुरुआ, मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और मंत्री हफीजुल हसन को टैग किया है.इस पोस्ट के ज़रिये ना सिर्फ उनका दर्द झलक रहा है बल्की, उनकी लाचारी, अपने घर परिवार को चलाने की फिक्र और बेरोज़गार कहलाने का दुख भी बखुबी देखा जा सकता है.
ऐसे में सहायक पुलिस कर्मियों की सरकार से ये मांग है उनके हित में कोई भर्ती निकाली जाए, या फिर इन जवानों को कहीं समायोजित करने का कोई रास्ता निकाला जाए. वहीं अगर इन सहायक पुलिस कर्मियों के लिए समय रहते समायोजन या किसी दूसरी भर्ती प्रक्रिया के तहत इन्हें रोजगार नहीं मिला तो लोगो के लिए अपना घर परिवार चलाना भी मुश्किल हो जाएगा.
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