TNP DESK:गर्मी का मौसम शुरू होते हीं चक्कर आना, सिर घूमना, थकान और कमजोरी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं, जहां खासकर झारखंड ,बिहार की जहां तापमान 45°C तक पहुंच जाता है. यह स्थिति हीट या हीट स्ट्रोक का संकेत हो सकती है, और अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है.
चक्कर आने के कई कारण
इस समय शरीर से ज्यादा पसीना निकलता है ,जिससे शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है और चक्कर आने लगता है.इसके अलावा हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान 40°C से अधिक हो जाता है, जिससे चक्कर, उल्टी और बेहोशी होने की संभावना बढ़ जाती है.वही बात करे डिहाइड्रेशन की तो पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है जिससे चक्कर आना शुरू हो जाता है. गर्मी में ब्लड प्रेशर में गिरावट भी हमें काफी परेशान कर सकता है ,जिससे चक्कर आते हैं.
चक्कर आने पर तुरंत क्या करें?
अगर आपको अचानक से गर्मी में चक्कर आने लगे तो तुरंत छांव या ठंडी जगह पर जाएं,और वह आराम करे.
चक्कर आने कर सबसे पहले पानी पिएं,वही सामान्य पानी, नींबू पानी या ओआरएस पीने से हमें जल्दी राहत मिलता है.
बढ़ती गर्मी में चक्कर आने पर शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करे जैसे ठंडे पानी से चेहरा धोएं या गीले कपड़े से शरीर पोंछें.
चक्कर जैसा लगने पर आराम करें तुरंत लेट जाएं और पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं.
चक्कर से बचाव के उपाय
ज्यादा से ज्यादा पानी पिए,दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं जिससे आपका बॉडी हाइड्रोडेट रहे.वही गर्मी में हल्के और ढीले कपड़े पहनें जैसे कि सूती कपड़े जो आपके लिए गर्मी में आरामदायक होते हैं. गर्मी में धूप में निकलने से बचें खास कर अगर जरूरत न हो तो दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर जाने से बचें.जब भी गर्मी में घर से बाहर जाए तो टोपी या छाता साथ ले कर जाए और उसका उपयोग करें.ऐसे मौसम में हमारे शरीर को ठंडे रखने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे कि नींबू पानी, नारियल पानी.
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
लगातार चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना.
तेज बुखार या उल्टी होना.
बॉडी का गर्म और सूखा होना .
दिल की धड़कन तेज होना.
गर्मी के मौसम में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है. ऐसे मौसम में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना, हल्के कपड़े पहनना और धूप से बचाव करना चक्कर आने की समस्या से बचा सकता है.लेकिन अगर लक्षण गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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