धनबाद (DHANBAD): प्याज ने 1998  में सुषमा स्वराज (अब स्वर्गीय) को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया था.  अब जेल ने आतिशी  को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बना दिया है.  यह अलग बात है कि शीला दीक्षित(अब स्वर्गीय ) भी 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही.  आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक में आतिशी  को अपना नेता चुन लिया है. अरविंद  केजरीवाल ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे  सब ने स्वीकार कर लिया.  मुख्यमंत्री की रेस में कई लोगों के नाम थे, लेकिन आतिशी  को ही कुर्सी मिली.  यह  तीसरी बार है, जब दिल्ली की कमान किसी महिला को सौंपी  जा रही है.  सबसे पहले स्वर्गीय सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थी.  हालांकि उनका कार्यकाल केवल 52 दिनों  का रहा. 

15 साल स्वर्गीय शीला दीक्षित दिल्ली की  मुख्यमंत्री रही.
 
उसके बाद 15 साल स्वर्गीय शीला दीक्षित दिल्ली की  मुख्यमंत्री रही.  अब सीएम की  जिम्मेवारी आतिशी  को मिली है.  आतिशी  का राजनीतिक जीवन बहुत पुराना नहीं है.  पहली बार विधायक बनी और मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गई.  1981 में एक पंजाबी राजपूत परिवार में जन्मी आतिशी  अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई है.  बात इतनी ही नहीं है, जिस शिक्षा मंत्री की  वह सलाहकार रही , उनके जेल जाने के बाद वह उन्ही  का मंत्रालय  संभालने लगी.  मनीष सिसोदिया का वह सलाहकार थी.  पिछले साल जब सिसोदिया को शराब घोटाले में जेल जाना पड़ा, तो उनकी जगह आतिशी  को शिक्षा मंत्री बनाया गया.  

स्वर्गीय सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री थी

अभी आतिशी  के पास सबसे अधिक मंत्रालय है.  स्वर्गीय सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री थी, जिन्हें दिल्ली की  कमान दी गई थी.  बीजेपी ने उन्हें 1998 में मुख्यमंत्री बनाया था. उनसे पहले साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री थे, लेकिन प्याज के बढ़ते दामों की वजह से उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी.  सुषमा स्वराज केवल 52  दिन ही मुख्यमंत्री रह पाई, क्योंकि इसके बाद विधानसभा के चुनाव हुए और बीजेपी को करारी हार मिली थी.  पार्टी केवल 15 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस को भारी बहुमत मिला.  स्वर्गीय सुषमा स्वराज के बाद स्वर्गीय शीला दीक्षित दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी.  1998 में बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस ने उन्हें सीएम  का कार्यभार सौंप दिया.  इसके बाद 2003 और 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और  कांग्रेस पार्टी ने शीला दीक्षित पर भरोसा बनाए रखा और वह लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थी.  

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो