टीएनपी डेस्क(TNP DESK) - देश के एक अच्छे राज्यों में हिमाचल प्रदेश का नाम आता रहा है. इस खूबसूरत प्रदेश को किसी की नजर लग गई है. शासन व्यवस्था पर संकट आया हुआ है. इस राज्य में जबकि पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से राजस्व का एक बड़ा हिस्सा आता है लेकिन फिलहाल यह राज्य आर्थिक संकट में घिर गया है. इसलिए सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं.
हिमाचल प्रदेश की स्थिति क्या खराब हो गई
हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब है. यह चारों ओर से संकट से घिर गया है. प्राकृतिक आपदा के कारण जान माल की भारी क्षति हुई है.आपदा राहत पर बड़ी राशि खर्च की गई है. राज्य में कांग्रेस की सरकार है. यहां के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि केंद्र सरकार ने आपदा राहत के तहत कोई पैसा नहीं दिया है. इसके अलावा जीएसटी कंपनसेशन का भी पैसा जून 2022 के बाद से नहीं मिला है. उल्लेखनीय है कि जून 2022 के बाद किसी भी राज्य को जीएसटी कंपनसेशन देने का प्रावधान नहीं रहा है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्व घाटा अधिकतम स्तर पर आ गया है. इसलिए खर्चे पर अंकुश लगाना आवश्यक है. उनका कहना है कि पूंजीगत व्यय पर पैसा खर्च करना जरूरी है क्योंकि यह आम लोगों की सुख सुविधा से जुड़ा हुआ विषय है. लेकिन अन्य गैर योजनागत व्यय को कम करने की जरूरत है.
अपना और मंत्रियों का भी वेतन भत्ता रोका गया
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के खजाना की खस्ता हालत देखते हुए यह निर्णय लिया है कि वे अपना और अपने मंत्रियों का वेतन भत्ता दो महीने तक नहीं लेंगे सबसे पहले राज्य की आर्थिक स्थिति को ठीक करना है. जब खजाना में पैसा आ जाएगा तब वेतन और भत्ते का भुगतान किया जाएगा.अन्य तरह के भी खर्च पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया गया है.
विवाह से संबंधित भी बिल पास किया गया है
हम यह भी बताना चाहेंगे कि एक दिन पूर्व ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने एक महत्वपूर्ण विधायक पास किया है जिसके तहत अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष कर दी गई है. यानी पुरुष और महिला के लिए शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष रखी गई है.
Recent Comments