रांची (RANCHI): बिहार के फुलवारीशरीफ से पुलिस ने पीएफआई से जुड़े सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से देशविरोधी साहित्य मिलने की भी खबर है. दोनों पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. दो में से एक मोहम्मद जलाल़ुद्दीन का झारखंड से भी संबंध रहा है. जबकि परवेज अतहर पहले भी प्रतिबंधित संगठन सिमी का सदस्य रहा है. उसका भाई मंजर गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में जेल की सजा भुगत रहा है. इस खबर में हम जलाल़ुद्दीन के झारखंड कनेक्शन के बारे में डिटेल्स जानेंगे.

पटना पुलिस के अनुसार जलालुद्दीन के फुलवारीशरीफ घर में बिहार, केरल, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था. झारखंड पुलिस इस बात को खंगालने में जुटी है कि क्या झारखंड के युवा भी ट्रेनिंग में जाते थे.

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कहां-कहां रहा पुलिस बल में तैनात

जलालुद्दीन मूलत: फुलवारीशरीफ का ही रहने वाला है. 22 जनवरी 1982 को पटना जिलाबल में उसकी बहाली हुई. 4 दिसंबर 1982 तक यहां तैनात रहा. 14 दिसंबर 1992 को उसका तबादला गोड्डा में हो गया. यहां वो 6 सितंबर 2008 तक कार्यरत रहा. रांची में वो 13 सितंबर 2008 से 17 मई 2010 तक बतौर आरक्षी तैनात था. 21 मई 2010 से 5 सितंबर 2018 तक सहायक अवर निरीक्षक के पद पर हजारीबाग में तैनात था. इसके बाद वो पुलिस अवर निरीक्षक यानी दरोगा बन गया। इस पद पर पोस्टिंग उसकी 6 सितंबर 2018 से 30 अप्रैल 2021 तक गिरिडीह में रही. रिटायर भी यहीं से 30 जुलाई 2021 को हुआ था.

झारखड में पहली बार 2018 में PFI पर लगा बैन

PFI शुरू से ही कट्टर इस्लामी विचारधाराओं का पोषक रहा है. इसकी गतिविधियां देशविरोधी रही हैं. यह इस्लामी राष्ट्र का सपना देखता रहा है. झारखंड के पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा जिले में इसका सक्रियता रही है. इनजिलों में इसके हजारों सदस्य हैं. झारखंड सरकार ने सबसे पहले 21 फरवरी 2018 को इसको प्रतिबंधित किया था. हाई कोर्ट के आदेश पर 27 अगस्त 2018 को प्रतिबंध हटा था. 2019 में फिर बैन लगा.