TNP DESK: भारत का केंद्रीय बैंक, बैंकों का बैंक, मौद्रिक नीति का नियामक यानी रिजर्व बैंक आफ इंडिया देश की मौद्रिक और वित्तीय नीति को निर्धारित करने वाला बैंक है. यह भारत सरकार का अपना बैंक है. इसलिए इसे सेंट्रल बैंक भी कहते हैं. रिजर्व बैंक आफ इंडिया की स्थापना अप्रैल 1935 में हुई. 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ रिजर्व बैंक को नए गवर्नर मिला है.
कौन बने हैं रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नए गवर्नर जानिए
भारत सरकार की मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति ने 2 दिन पूर्व संजय मल्होत्रा को रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी. संजय मल्होत्रा काफी अनुभवी और प्रशासनिक दक्षता वाले अधिकारी रहे हैं. 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा ने राजस्थान में अनेक पद पर बेहतरीन काम किया है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है.कर सुधार और वित्तीय मामलों में उनकी विशेषज्ञता रही है. इसलिए भारत सरकार ने उन्हें रिजर्व बैंक आफ इंडिया का नया गवर्नर नियुक्त किया है.
कल यानी 10 दिसंबर को शक्ति कांत दास ने रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद से सेवानिवृत्ति ली. संजय मल्होत्रा आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. उन्होंने अमेरिका के प्रेसिडेंट यूनिवर्सिटीज में भी पढ़ाई की है. मुंबई स्थित मुख्यालय पहुंचकर संजय मल्होत्रा ने गवर्नर पद का काम का सामान लिया है. रिजर्व बैंक के अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
देश में मौद्रिक स्थिति और वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में रिजर्व बैंक आफ इंडिया की बड़ी भूमिका रही है. इसे बैंकों का बैंक भी कहा जाता है क्योंकि यह सभी बैंक का कंट्रोलर होता है. सभी सरकारी और निजी बैंक इसके निर्देशों के अनुरूप काम करते हैं. सी आर आर या रेपो रेट सब कुछ निर्धारण रिजर्व बैंक ही करता है. मुद्रा नीति के निर्धारण में इसकी सबसे बड़ी भूमिका होती है. रिजर्व बैंक ही देश में मुद्रा जारी करता है और उसके प्रचलन पर नियंत्रण रखता है.
नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के समक्ष कई चुनौतियां हैं.भारत विश्व की उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला राष्ट्र है.विकसित भारत के संकल्प को पूरा करना भी इस बैंक के ऊपर एक बड़ा दायित्व होगा.भारत सरकार ने तय किया है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगी. इसमें रिजर्व बैंक आफ इंडिया की बड़ी भूमिका होनी है.फिलहाल भारत विश्व की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था में शुमार है.
Recent Comments