टीएनपी डेस्क: किसी न किसी बात को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X हमेशा सुर्खियों में ही रहता है. अब किसी फेमस पर्सन के अकाउंट को ब्लॉक करना हो या फिर सुर्खियों की वजह खुद प्लेटफॉर्म के मालिक ही क्यों न हो, ट्विटर (X) हमेशा से ही चर्चे में रहा है. अब एक बार फिर सेंसरशिप ऑर्डर को लेकर ट्विटर चर्चे में आ गया है. दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के मालिक एलन मस्क ने ब्राजील में ट्विटर ऑफिस को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. इसकी जानकारी एलन मस्क ने शनिवार को एक पोस्ट के जरिए दी.

सीक्रेट सेंसरशिप ऑर्डर के बाद लिया गया है ऑफिस को बंद करने का बड़ा फैसला

वहीं, सोशल मीडिया X की ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स टीम ने X प्लेटफॉर्म पर इस मामले की पूरी जानकारी दी है. कंपनी ने पोस्ट में लिखा है कि, ब्राजील में ऑफिस को बंद करने का बड़ा फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अलेक्जेंड्रे डी मोरेस के सीक्रेट सेंसरशिप ऑर्डर के बाद लिया गया है. जस्टिस अलेक्जेंड्रे डी मोरेस द्वारा कंपनी के एक रिप्रेजेंटेटीव के ऊपर प्लेटफॉर्म से कुछ कॉन्टेंट को हटाने का दबाव बनाया जा रहा था और कॉन्टेंट न हटाने पर गिरफ्तार करवा देने की धमकी दी जा रही थी. ऐसे में स्टाफ की सेफ़्टी को देखते हुए X ने ब्राजील में कंपनी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया है. हालांकि, ब्राजील यूजर्स के लिए सोशल मीडिया X की सर्विस पहले की तरह ही जारी रहेंगी.

ब्राजील में एक्स के ऑफिस को बंद करना मुश्किल फैसला - एलन मस्क 

ब्राजील में ट्विटर के ऑफिस को बंद करने को लेकर एलन मस्क ने भी अपने X अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि, ब्राजील में एक्स के ऑफिस को बंद करना बहुत ही मुश्किल फैसला था. साथ ही उन्होंने पोस्ट में ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोरेस द्वारा सीक्रेट सेंसरशिप और निजी जानकारी उपबल्ध करने की मांग को भी लिखा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट के तरफ से X पर सीक्रेट सेंसरशिप को लेकर दबाव डाला जा रहा था.

कोर्ट ने कंपनी के अधिकारियों पर कार्रवाई करने की दी धमकी 

बता दें कि, X के मुताबिक ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट में X कंपनी के किसी भी मामले को लेकर सुनवाई नहीं की गई है. साथ ही ब्राजील के किसी भी यूजर्स को इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है. ब्राजील के किसी भी अधिकारी के पास ट्विटर पर से ब्लॉग या कॉन्टेन्ट हटाने का अधिकार नहीं दिया गया है. इस बात की जानकारी ब्राजील सुप्रीम कोर्ट को है. लेकिन इसके बावजूद कोर्ट द्वारा कंपनी के अधिकारियों पर दवाब बनाने के साथ साथ उन पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही थी.