जमशेदपुर (JAMSHEDPUR)- भाषा को लेकर मचे बवाल के बीच सांसद कार्यालय से सांसद विद्युतवरण महतो की तरफ से सफाई पेश गई है. सांसद विद्युत वरण महतो ने राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति से मुलाकात के संबंध में बताया कि वे लोग आजसू से गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, गोमिया के विधायक लंबोदर महतो और पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो एक साथ गए थे. वहां पर सभी लोगों ने अपने अपने क्षेत्रों का मामला अलग-अलग उठाया. आजसू के लोगों ने अपने विषय को रखा. जबकि पश्चिम बंगाल के सांसद ने बंगाल से संबंधित मुद्दों को महामहिम के समक्ष रखा.
सांसद की सफाई
बता दें कि सांसद विद्युतवरण महतो ने कहा कि मैंने अपने राज्य और लोकसभा क्षेत्र के तीन प्रमुख मुद्दों पर अपनी बात रखी और एक ज्ञापन भी उन्हें समर्पित किया. जिनमें से झारखंड में नक्सलवाद और उग्रवाद की समस्या, जमशेदपुर लोकसभा के दंडक्षत्र (मांझी), माल जाति और पुरान जाति को क्रमशः अनुसूचित जाति एवं जनजाति में शामिल करने का मामला शामिल है. इसके साथ ही वर्तमान में चल रही जनगणना के लिए कुड़माली भाषा के लिए जनगणना के कॉलम में अलग से भाषा कोड निर्धारित करने की मांग भी की गई. उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसी अन्य विषय पर मेरी महामहिम से कोई वार्ता नहीं हुई.
क्या था मामला
बता दें कि सांसद विद्युत महतो ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी. इसके बाद खबर आई कि इस मुलाकात में कुर्मी जाति को एसटी का दर्जा देने और भोजपुरी, मगही को क्षेत्रीय भाषा से हटाने का मांग पत्र राष्ट्रपति को सौंपा गया. बस क्या था जमशेदपुर और आस पास सांसद विद्युतवरण महतो के खिलाफ विभिन्न संगठन सड़क पर उतरे और पूछा कि सांसद को क्या बिहारी का वोट नहीं चाहिए. मामले के तूल पकड़ता देख आनन फानन में सांसद ने ये सफाई पेश की है.
रिपोर्ट : अन्नी अमृता, ब्यूरो हेड, जमशेदपुर
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