जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : बिहार झारखंड के रहने वाले और उड़ीसा के भुवनेश्वर के ITER (Institute of technical education and research) के कंप्यूटर विभाग के 3rd ईयर के चार छात्रों विवेक राज, जिज्ञासा समल, सोनल भारती और रीमा भारती ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए autometic अपर डीपर डिवाईस बनायी है. वे चाहते हैं कि इसका इस्तेमाल कर भारत में सड़क दुर्घटनाओं को रोका जाए. विवेक राज और जिज्ञासा समल झारखंड के जमशेदपुर के हैं जबकि सोनल भारती बिहार के समस्तीपुर और रीमा भारती बिहार के औरंगाबाद की हैं. ये सभी छात्र झारखंड के परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन से मिलकर अपना आविष्कार दिखाना चाहते हैं ताकि इसके बेहतर इस्तेमाल से दुर्घटनाओं को रोका जा सके.
74 प्रतिशत दुर्घटनाएं गाड़ियों के अपर लाईट डीपर नहीं करने से होती है
आइए आपको दिखाते हैं कि कैसे ये डिवाईस काम करता है. छात्रों ने एक वीडियो के माध्यम से इसे समझाने की कोशिश की है. अगर आप गाड़ी से कहीं जा रहे हैं और सामने वाली गाड़ी के ड्राईवर अपनी अपर लाईट डीपर नहीं करते हैं तो आपकी आंखें तेज रौशनी से चौंधिया जाती है और दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है. एक सर्वे के मुताबिक हाईवे या अन्य जगहों पर 74 प्रतिशत दुर्घटनाएं गाड़ियों के अपर लाइट डीपर नहीं करने से होती है. ऐसा नहीं कि हमेशा जानबूझकर कोई करता है, लेकिन अक्सर ड्राईवर एक अंतराल पर डीपर करना भूल जाते हैं. लेकिन इस डिवाइस के माध्यम से सामने वाली गाड़ी के बोनेट पर रौशनी पड़ते ही दोनों गाड़ी के अपर लाईट्स डीपर हो जाते हैं और एक दूसरे को ठीक से देख पाने की वजह से दुर्घटना का संभावित खतरा टल जाता है.
डिवाइस को सरकार के समक्ष पेश करेंगे
अलग अलग शहरों के रहने वाले चारों युवा भुवनेश्वर स्थित ITER के छात्र -छात्राएं हैं. जो अपनी इस डिवाइस को सरकार के समक्ष पेश करना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि जिस मकसद से यह डिवाइस बनायी गई है, वह पूरा हो. उन्होंने पहली बार द न्यूज़ पोस्ट से अपने इस आविष्कार को साझा किया है और वे चाहते हैं कि इसे पहचान मिले.
रिपोर्ट: अन्नी अमृता, ब्यूरो हेड जमशेदपुर
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