जामताड़ा(JAMTARA)-संस्कृत दिवस के अवसर पर जामताड़ा के पांच प्रतिष्ठित संस्कृत शिक्षकों ने संस्कृत की महत्ता और इसके प्रचार-प्रसार का जिम्मा उठाया. मौके पर शिक्षकों ने लोगों को संस्कृत में रोचक ढंग से संबोधित किया और संस्कृत को ज्ञान का परिपूर्ण भंडार बताया.
हर रविवार को तीन घंटे होगी संस्कृत की पढाई
आर के पल्स 2 हाईस्कूल मिहिजाम के पंडित योगेन्द्र कुमार मिश्र, नाला हाईस्कूल के पंडित आनंद रंजन मिश्र, गेरिया के ब्रजगोपाल पातर और तीर्थ पूरोहित सुरेन्द्र कुमार तिवारी बारी बारी से प्रत्येक रविवार शाम 5:00 बजे से 8:00 बजे तक संस्कृत पठन पाठन कराएंगे.जिससे सभी लोग अपनी देव तुल्य भाषा में बोलचाल कर सकेंगे. विद्वान आचार्यों ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद कमजोर और लक्ष्य से भटकी राजनीतिक व्यवस्था संस्कृत भाषा के महत्वहीन होने का कारण है. ऐसे में संस्कृत को सत्ता लोलुपता से नुकसान हुआ है. बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में आग लगाने वाला बख्तियार खिरजी ने हमारी भाषा और ज्ञान के भंडार को जितना नुकसान नहीं पहुंचाया उससे कहीं अधिक भारत के प्रजातांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था ने देश के ताना-बाना को लहूलुहान कर रखा है. जिस पर बड़ी और खुली चर्चा की आवश्यकता है. अब देश में संस्कृत को संरक्षित और संबर्धित करने वाली गीता प्रेस गोरखपुर पर काली छाया मंडरा रहा है. जिस के कारण संस्कृत अपने अंतिम पायदान पर पहुंच गई है.
रिपोर्ट : आरपी सिंह,जामताडा.
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