चतरा(CHATRA) में कोयला, अफीम की तस्करी के बाद माफियाओं की नजर अब बालू पर लगी है. जिससे बालू माफिया रोजाना सरकारी खजाने को लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं. हैरानी की बात है कि एनजीटी नियम लागू होने के बाद नदियों से बालू निकालने का न सिर्फ रात में बल्कि दिन के उजाले में भी अनवरत जारी है.प्रशासन और पुलिस महज चुप्पी साधे थोथी दलील समझा रही है.
NGT ट्रिब्यूनल के नियमों के मुताबिक नदी से बालू का खनन करना है गैर-कानूनी
जिले के टंडवा, हंटरगंज,इटखोरी,गिधौर,मयूरहंड में सबसे ज्यादा बालू माफिया सक्रिय हैं.बता दें कि बालू माफियाओं द्वारा दिन रात बालू की अवैध खनन होने के बावजूद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. अभी तक खनन माफिया बिना रोक-टोक के मुहाने नदी,निरंजना नदी और गेरूआ जैसी नदियों से बालू निकालकर बेखौफ बेच रहे हैं. रात हो या दिन चतरा में बालू का काला कारोबार का धंधा बेखौफ होता है.बता दें कि NGT यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के मुताबिक जुलाई अगस्त और सितंबर माह में नदी से बालू का खनन करना गैर-कानूनी है.साथ ही झारखंड सरकार के कानून के मुताबिक अवैध खनन करना गैर-कानूनी है.वही खनन को लेकर नियमों के साथ निर्धारित ढंग से इजाजत दी जाती है.जिले के टंडवा प्रखंड के गेरुआ नदी से एक साथ 1 दर्जन से अधिक की संख्या में ट्रैक्टर अवैध बालू के खनन कर बालू की सप्लाई करते हुए देखे जाने की खबर सामने आई है.वहीं इटखोरी के महाने नदी में जो बालू निकाली जा रही हैं, उससे सरकार को आर्थिक नुसकान ज़रूर हो रहा हैं.वहीं हंटरगंज प्रखंड के निरंजना नदी में बालू की सरेआम लूट मची हुई है. बालू लुटेरों की मनमानी से कौलेश्वरी पुल पर खतरे के बादल मंडराने लगा है.
बालू माफियाओं की मनमानी पर प्रशासन की चुप्पी
बता दें कि इस गैरकानूनी बालू तस्करी के बारे में सब कुछ जान कर भी प्रशासन ने चुप्पी साध ली है. निरंजना नदी में बालू की लूट काफी दिनों से चलती आ रही हैं. जिसको लेकर दो वर्ष पहले एक बड़ा आंदोलन भी चला था. उसी निरंजना बचाओ आंदोलन की वजह से राज्य सरकार हरकत में आई थी. तब तत्कालीन खनन सचिव के निर्देश पर निरंजना नदी में बालू लूट के खिलाफ व्यापक छापेमारी की गई थी जिसमें बालू की लूट में जुटे 350 ट्रक जब्त भी किए गए थे. इतने बड़े पैमाने पर बालू लूट में ट्रकों की जब्ती पहली बार हुई थी उसके बाद बालू की लूट थम गई. फिर सरकार की नीति बदली और अब बालू उठाव का जिम्मा झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को दे दिया गया है. बालू का खेल चतरा के अलग-अलग जगहों में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है.खनन माफिया इतनी मजबूत है कि प्रशासन उन पर हाथ डालने की कोशिश तक नहीं करती और अगर कोशिश होती तो दिन के उजालों में दिनदहाड़े लूट का खेल नहीं चलता. चतरा जिले के टंडवा प्रखंड में खुलेआम गेरुआ नदी से बालू का अवैध खनन का खेल चल रहा है, दिन के उजाले में छोटी गाड़ियां तस्करों का माल ढोती है और रात में बड़ी गाड़ियों से बालू की बड़ी खेप माफियाओं द्वारा की जाती है. चतरा के कई इलाकों से बालू लेकर निकलने वाली गाड़ियां धड़ल्ले से पुलिस के नजरों के सामने से गुजरते हैं. वहीं मामले को लेकर जब सिमरिया एसडीओ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि माफियाओं के विरुद्ध लगातार अभियान चलाया जा रहा है और इस बार भी जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की बात भी कही.
रिपोर्ट:संतोष कुमार,चतरा
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