धनबाद(DHANBAD): अगले साल बंगाल विधानसभा के चुनाव होंगे. भाजपा का अब अगला टारगेट बंगाल ही है. भाजपा भी जमीनी स्तर पर काम कर रही है, तो सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस भी सक्रियता बढ़ा दी है. अब उम्मीद बढ़ गई है कि 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव में आईपैक कंपनी तृणमूल कांग्रेस के साथ ही रहेगी. यह अलग बात है कि प्रशांत किशोर अब अपनी अलग पार्टी बनाकर बिहार में सियासत कर रहे है. ऐसे में यह सवाल उठना बहुत ही वाजिव है कि पश्चिम बंगाल में अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में क्या आईपैक तृणमूल के साथ रहेगी अथवा नहीं. गुरुवार को ममता बनर्जी ने पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ नेताजी इनडोर स्टेडियम में बैठक की थी.
इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकेत दिया कि टीएमसी आईपैक की मदद लेती रहेगी. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में पहली बार आईपैक के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था. यह संगठन 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के साथ काम किया. तृणमूल कांग्रेस को राज्य के अधिकांश हिस्सों में जितने में कोई कठिनाई नहीं हुई थी. इधर, आईपैक के खिलाफ कई नेताओं की टिप्पणियों के बाद कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आईपैक प्रमुख प्रतीक जैन से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही चुनाव में आईपैक के साथ समझौते को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया था.
हालांकि, गुरुवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में ममता बनर्जी ने जो संदेश दिया, उससे यह स्पष्ट लगने लगा है कि 2026 के विधानसभा चुनाव में भी आईपैक तृणमूल कांग्रेस के साथ ही रहेगी. इस बैठक में ममता बनर्जी ने राज्य के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 2026 के चुनाव को ध्यान में रखकर काम करने को कहा. सूत्रों के अनुसार पार्टी सुप्रीमो ने कहा कि यह पीके(प्रशांत किशोर ) की आईपैक नहीं है. उन्होंने एक अलग राजनीतिक पार्टी बना ली है. आईपैक एक नै टीम बन गई है. उस टीम को सहयोग करना चाहिए बता दे कि प्रशांत किशोर बिहार में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाकर काम कर रहे है. पिछले साल 2 अक्टूबर को पार्टी की उन्होंने आधिकारिक घोषणा की थी. फिलहाल वह बिहार की राजनीति में सक्रिय है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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