रांची (RANCHI): भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने 14-15 अप्रैल को होने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के 13वें अधिवेशन के अवसर पर पार्टी के संविधान में संशोधन के प्रयास पर कटाक्ष किया है. प्रतुल ने झामुमो को चुनौती देते हुए कहा कि अगर पार्टी वाकई लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करती है तो उसे अपने संविधान में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लागू करना चाहिए.
प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा कभी इतनी हिम्मत नहीं जुटा सकता. वर्तमान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. हेमंत सोरेन कभी नहीं चाहेंगे कि पार्टी पर उनकी पकड़ ढीली हो. इसलिए झामुमो में पार्टी के संविधान में इस तरह के संशोधन की कोई संभावना नहीं है. जबकि पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के लिए इस तरह के बदलाव बेहद जरूरी हैं. प्रतुल ने कहा कि सोरेन परिवार के आधा दर्जन से ज्यादा सदस्य पार्टी में सांसद, विधायक या विभिन्न पदों पर हैं. एक परिवार ने पार्टी पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. प्रतुल ने कहा कि झामुमो पिछड़ी और अनुसूचित जाति समुदाय को अधिकार देने की बात भी करता है. अब समय आ गया है कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष का पद इन्हीं समुदायों में से किसी एक को दिया जाना चाहिए.
प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हेमंत सोरेन जी को बड़ा दिल दिखाते हुए कार्यकारी अध्यक्ष का पद एससी या ओबीसी समुदाय के किसी व्यक्ति को देना चाहिए. प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, यह कोई नहीं बता सकता. लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा का अगला अध्यक्ष और अगला कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन परिवार से ही होगा. लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलने वाली पार्टियों और परिवारवादी पार्टियों में यही फर्क है. प्रतुल ने कहा कि झामुमो ने अपने सांगठनिक चुनाव को लेकर जनता की आंखों में पूरी तरह से धूल झोंकी है. कांके रोड से जो आदेश आता है, उसका पालन जिले में ही नहीं बल्कि प्रखंड स्तर तक की कमेटी में भी किया जाता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा का सांगठनिक चुनाव महज दिखावा बनकर रह गया.
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