धनबाद (DHANBAD) : चाईबासा के बहाने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए है. उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सिविल सर्जन सहित अन्य को निलंबित कर दिया है और पीड़ित बच्चों के खर्च का जिम्मा सरकार ने लिया है. साथ ही परिवार को दो-दो लाख रुपए देने की बात कही है. झारखंड के सभी ब्लड बैंकों की जांच करने का भी आदेश दिया है. इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित पांच मासूम बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाया गया और अब सभी बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए है.
क्या कहते है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी
अगर इन बच्चों की भविष्य में मृत्यु हो जाती है, तो यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि राज्य प्रायोजित हत्या कहलाएगी, उन्होंने आगे कहा है कि मुख्यमंत्री जी यह सवाल सिर्फ डॉक्टर तकनीशियनों पर नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य तंत्र की वि फलता और आपकी सरकार की संवेदनहीनता को भी उजागर करता है. डॉक्टर को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है. झारखंड को सबसे अयोग्य और निष्क्रिय स्वास्थ्य मंत्री से मुक्त कीजिए और यह विभाग एक जिम्मेदार संवेदनशील मंत्री को दीजिये. बच्चों की जिंदगी के साथ हुआ यह खिलवाड़ माफी से नहीं, जवाबदेही से सुधरेगा. इधर, झारखंड के चाईबासा के बहाने हर एक जिले के ब्लड बैंक की जांच की मांग तेज हो गई है. यह जरूरी भी है. पता नहीं ,झारखंड के ब्लड बैंकों का कभी ऑडिट हुआ है अथवा नहीं ,इसका आंकड़ा सार्वजनिक नहीं हुआ है. लेकिन चाईबासा की घटना के बाद झारखंड का स्वास्थ्य विभाग सवालों से घिर गया है.
सरकार की अबतक के एक्शन को नाकाफी बता रहे लोग
चाईबासा के सिविल सर्जन समेत दो के निलंबन को लोग नाकाफी बता रहे है. यह अलग बात है कि चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने की घटना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीर है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने चाईबासा के सिविल सर्जन और ब्लड बैंक प्रभारी को निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पीड़ित बच्चों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि सरकार देगी. साथ ही संक्रमित बच्चों के इलाज का पूरा खर्च भी सरकार उठाएगी , यह सुखद बात है कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री को निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य विभाग राज्य के सभी ब्लड बैंकों का तत्काल ऑडिट कर 5 दिनों में रिपोर्ट सौपे. सीएम ने कहा है कि स्वास्थ्य के मामले में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के पिता ने डीसी से शिकायत की तो हुआ खुलासा
बता दें कि मामले की शुरुआत तब हुई जब थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के पिता ने डीसी से शिकायत की कि उनके बेटे को अस्पताल में एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाया गया है. 13 सितंबर को खून चढ़ाने के बाद 18 अक्टूबर को जांच में बच्चों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी. बच्चों के माता-पिता की रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद मामला गंभीर हो गया. मामला शनिवार को और गंभीर हो गया जब जांच में चार और बच्चे एचआईवी पॉजीटिव पाए गए. इसके बाद अब यह मांग तेज हो गई है कि जल्द से जल्द झारखंड के सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कराया जाए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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