धनबाद (DHANBAD) : धनबाद जिला कांग्रेस के अध्यक्ष के चयन के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. समानांतर कार्यक्रम आयोजित कर चयन को चुनौती दी जा रही है. बुधवार को जहां जिला कांग्रेस समिति ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर "वोट चोर - गद्दी  छोड़" हस्ताक्षर अभियान चलाया, तो विक्षुब्धों  ने तोपचांची  में समानांतर कार्यक्रम आयोजित कर यह बता दिया कि यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. सूत्र बताते हैं कि तोपचांची का कार्यक्रम तोपचांची प्रखंड अध्यक्ष मुकेश प्रसाद के नेतृत्व में किया गया. तोपचांची प्रखंड के लोकबाद पंचायत में प्रखंड अध्यक्ष मुकेश प्रसाद के नेतृत्व में तोपचांची मंडल के अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से "वोट चोर - गद्दी  छोड़" हस्ताक्षर अभियान चलाया.  

तोपचांची में बुधवार को ही किया गया समानान्तर कार्यक्रम 

जानकारी के अनुसार तोपचांची के इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो और पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के समर्थक भी शामिल थे. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन धनबाद पहुंची सूचना में बताया गया है कि दोनों बड़े नेताओं के समर्थक तोपचांची के कार्यक्रम में शामिल हुए. तोपचांची में कार्यक्रम के तहत उपस्थित ग्रामीणों, पंचायत के लोगों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. जिसमें उपस्थित सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर स्वस्थ लोकतंत्र बनाने में भागीदारी निभाई. उपस्थित ग्रामीणों ने केंद्र सरकार की गलत नीतियों और कथित वोट चोरी कर देश की जनता को गुमराह करने की बात कही. इधर बुधवार को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर जो कार्यक्रम आयोजित हुआ, उसमें धनबाद जिला के लगभग वरीय  कांग्रेस नेता दूरी बना लिए थे. बता दें कि धनबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष के चयन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. 

धनबाद सहित झारखंड के आधा दर्जन ज़िलों में चल रहा है विवाद 

वैसे तो झारखंड के 25 जिलों में जिला अध्यक्ष की घोषणा के बाद कम से कम आधा दर्जन जिलों में विवाद बढ़ गया है.  धनबाद में विक्षुब्धों  की सक्रियता तेज है.  रांची में झारखंड कांग्रेस प्रभारी के राजू से मिलने के बाद विक्षुब्धों ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर धरना दिया.  जिला अध्यक्ष संतोष सिंह को हटाने की मांग की. एक तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी तमाम पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में लगे हुए है. इसके लिए वह लगातार पसीना बहा रहे है.  लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेता इस पर पानी फेर  रहे है.  झारखंड के कांग्रेस जिला अध्यक्षों के चयन में यह बात  पूरी तरह से खुलकर सामने आ गई है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो