धनबाद(DHANBAD) : नालसा के निर्देश पर वर्ष 25 की पहली नेशनल लोक अदालत में एक अरब 51 करोड 70 लाख 36 हजार 833 रूपए की रिकवरी कर कुल तीन लाख 41 हजार, 440 विवादों का निपटारा कर दिया गया. वहीं दुर्घटना में पति की मौत के बाद बेसहारा हुई सागर देवी को डालसा ने एक करोड़ 42लाख 60 हजार रूपए के मुआवजा का चेक मौके पर भुगतान कराया. चेक मिलने के बाद सागर देवी काफी भावुक हो गईं और कहा कि डालसा ने उन्हें एक नया जीवन दिया है. इसके पूर्व नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को रांची झालसा से ऑनलाइन न्यायमूर्ती सुजित नारायण प्रसाद ने किया. धनबाद में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी, उपायुक्त सह डालसा के वाइस चेयरमैन माधवी मिश्रा ने उद्घाटन किया. इस मौके पर न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है.
हर तीन महीने पर लगती है नेशनल लोक अदालत
नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है. हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है. उपायुक्त माधवी मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाई जाती है. बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय ने कहा कि लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है. इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है. सिटी एसपी अजीत कुमार ने कहा कि लोगों मे प्रेम, शांति, समृद्धि और समरसता बनी रहे, यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है. अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश रोशन ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है. जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है.
कुल 14 बेंच का किया गया था गठन
अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश रोशन ने बताया कि विवादों एवं मुकदमो के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 14 बेंच का गठन किया गया था. जिनके द्वारा विभिन्न तरह के सुलहनीय विवादों का निपटारा कर 3 लाख 41 हजार 440 विभिन्न तरह के विवादों का निपटारा कर दिया गया. जिसमें 3 लाख 8 हजार 938 प्रिरलेटिगेशन मामले, जबकि 32 हजार 502 विभिन्न तरह के लंबित मुकदमे निष्पादित किए गए. जिसमें कुल एक अरब 51 करोड़ 70 लाख 36 हजार 833 रुपए की रिकवरी भी की है. मौके पर ही मोटर यान दुर्घटना दावा से संबंधित एक मामले में सागरदे वी को 1करोड 42 लाख 60 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया. सागर देवी के पति की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी. वहीं 4 बच्चों को, जिनके माता-पिता नहीं थे. उन्हें स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़कर उन्हें पढ़ाई-लिखाई के लिए मिलने वाली चार हजार रुपये की राशि का चेक प्रदान किया गया. उन्होंने सभी वादकारी, न्यायिक पदाधिकारियों विभाग के अधिकारियों एवं बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का सहयोग के लिए आभार प्रकट किया.
मौजूद रहे न्यायिक पदाधिकारी
न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय टी, हसन, एस एन मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी, रजनीकांत पाठक, कुलदीप,मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, आरती माला ,अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी, सिविल जज आइ ज़ेड खान ,अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिजीत पाण्डेय, रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार, ऋषि कुमार ,स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन पीयूष कुमार, सर्टिफिकेट आफिसर आरएन ठाकुर, स्टेट बैंक के रिजनल मैनेजर निर्मल कुमार, डिप्टी जीएम विकास रंजन पटनायक, बैंक ऑफ़ इण्डिया पवन कुमार भारती, डिप्टी जोनल हेड यूको बैंक, कंज्यूमर फोरम की सदस्या शिप्रा, डालसा के पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की टीम, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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