दुमका (DUMKA): दुमका के दिग्घी में संचालित है फूलो झानो मेडिकल कॉलेज। वर्ष 2017_18 में जब झारखंड में डबल इंजन की सरकार थी उस वक्त मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन हुआ था. इस कॉलेज में प्रत्येक वर्ष एक सौ छात्रों का नामांकन होता है. घर परिवार छोड़कर यहां आने वाले छात्रों का सपना होता है कि पढ़ाई कर अपना भविष्य सांवरे.
जब टूटता है छात्रों के सब्र का बांध तो समस्या चहार दीवारी से निकल कर आती है बाहर
पढ़ाई के लिए जरूरी है उचित माहौल का होना। लेकिन दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नहीं है. समय समय पर जब छात्रों के सब्र का बांध टूट जाता है तो मामला मेडिकल कॉलेज की चहार दीवारी से बाहर निकल जाता है.
बिजली पानी संकट का सामना कर रहे छात्रों का टूटा सब्र का बांध
मंगलवार को फूलों झानो मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधा बहाल करने की मांग को लेकर कॉलेज परिसर में प्रदर्शन किया. हाथों में बाल्टी लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सरकार को भी आड़े हाथों लिया. एमबीबीएस की एक छात्रा का कहना है कि कॉलेज में समस्याओं का अंबार है, लेकिन सबसे गंभीर संकट बिजली और पानी की है. कॉलेज परिसर में 6 मोटर है, जिसमें 5 मोटर खराब हो चुका है. एक मोटर के सहारे सभी जगह पानी नहीं पहुंच पा रहा है. पीने के लिए पानी खरीद कर लाना पड़ रहा है. 6 महीने से बिजली संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. गर्मी का आगाज हो चुका है, इस स्थिति में अगर बिजली संकट का समाधान नहीं हुआ तो जीना मुहाल हो जाएगा.
छात्रों का आरोप फंड की कमी का रोना रोता है कॉलेज प्रशासन
वहीं एक छात्र का कहना है कि कॉलेज में दिव्यांग छात्र भी पढ़ते है. क्लास रूम से लेकर छात्रावास तक कई फ्लोर में बना दिया गया है लेकिन लिफ्ट की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण वैसे छात्रों को काफी परेशानी होती है. किसी भी समस्या को लेकर प्रिंसिपल के पास जाने पर एक ही जवाब मिलता है फंड नहीं है. ऐसे में छात्रों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में आधा दर्जन मेडिकल कॉलेज संचालित है. लेकिन सरकार इन जगहों पर भी मूलभूत समस्या का समाधान करने में विफल साबित हो रही है. जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है
क्या कहना है प्रिंसिपल का
इस बाबत मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अरुण कुमार चौधरी का कहना है कि फिलहाल वह बाहर हैं. मामले की जानकारी मिली है। 6 में से 5 मोटर खराब हो चुका है. एक मोटर के सहारे पानी की आपूर्ति की जा रही है. संकट दूर करने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से भी बात हुई है. तमाम समस्याओं को लेकर वरीय अधिकारी को लिखा गया है. जल्द ही समस्या का समाधान होगा.
जरूरत है मामले की गंभीरता को देखते हुए समस्या के त्वरित समाधान की, नहीं तो आने वाले समय में छात्रों का प्रदर्शन उग्र भी हो सकता है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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