धनबाद(DHANBAD): बुधवार को सिंदरी में अमोनिया गैस के रिसाव के बाद hurl  मैनेजमेंट सवालों के घेरे में है.  सिंदरी के लोग पूछ रहे हैं कि प्लांट शटडाउन के पहले क्या पाइप में पड़ी अमोनिया गैस को पानी के प्रेशर से वॉश आउट किया गया था.  अगर किया गया था तो फिर अमोनिया गैस का रिसाव कैसे हुआ और अगर नहीं किया गया था तो प्रबंधन इतनी बड़ी चूक क्यों की.  बुधवार की सुबह लगभग 8 बजे hurl  के सिंदरी खाद कारखाने से अमोनिया गैस का रिसाव होने लगा.  इसके बाद तो दहशत का माहौल पैदा हो गया था.  सूत्रों के अनुसार 5 किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर इसका असर देखा गया. 
 
लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की
 
लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की.  हालांकि रिसाव की मात्रा कम थी.  इस वजह से दो-तीन घंटे में ही रिसाव बंद हो गया.  उसके बाद लोगों ने राहत की  सांस ली.  बुधवार को जब hurl  के एचआर हेड से The Newspost  ने बात की थी  तो उन्होंने बताया था कि 15 अप्रैल से दो हफ्ते के लिए प्लांट का शटडाउन लिया गया है.  फिलहाल प्लांट पूरी तरह से बंद है.  उन्होंने यह भी बताया था कि रेगुलर मेंटेनेंस के लिए ऐसा करना होता है.  सूत्र बताते हैं कि उत्तर पश्चिम दिशा में गैस रिसाव  का असर अधिक देखने को मिला.  हवा उसी तरफ बह रही थी.  कुछ देर के लिए तो सिंदरी में घबराहट की स्थिति पैदा हो गई थी.  सिंदरी  के लोगों ने hurl  प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. 

धनबाद की सिंदरी की  अपनी एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है
 
बता दे कि   धनबाद की सिंदरी की  अपनी एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है.  लेकिन यह  पृष्ठभूमि आज किस्तों में ही सही, हलाल  हो रही है.  1992 में सिंदरी खाद कारखाने को बीमार घोषित कर दिया गया था.  उसके बाद 2001 में BIFR ने इसे बंद करने की सिफारिश की.  फिर 31 दिसंबर 2002 को सिंदरी खाद कारखाने को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया.  प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों को वीएसस  के तहत सेवानिवृत्ति दे दी गई.  एक आंकड़े के अनुसार उस समय कर्मचारियों की संख्या 2000 से अधिक थी.  इस निर्णय से सिंदरी की सेहत प्रभावित हुई और वह प्रभाव आज भी दिख रहा है.  सिंदरी खाद कारखाना  1951 में शुरू हुआ था.   2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने HURL  की  आधारशिला रखी.  इसके बाद हर्ल कंपनी का उत्पादन चालू हुआ.  

अप्रैल 2023 से यूरिया का उत्पादन शुरू हुआ

बता दे कि सिंदरी hurl  फैक्ट्री से वर्ष 2021 से उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना के कारण दिक्कतें आईं. इसके बाद शुरुआत की तारीख 17 नवंबर 2021, मार्च 2022 और फिर अप्रैल 2022 तय की गई. लेकिन इस तारीख पर भी उत्पादन शुरू नहीं हो सका. इंतजार के बाद  अप्रैल 2023 से यूरिया का उत्पादन शुरू हुआ. यूरिया बनाने के लिए प्राकृतिक गैस तैयार की जाती है. इसके लिए भाप के माध्यम से अमोनिया को तैयार किया जाता है. जिसके बाद वायुमंडल से अमोनिया के साथ नाइट्रोजन को लिया जाता है. इसके बाद अमोनिया और नाइट्रोजन मिलकर यूरिया तैयार होता  हैं. यूरिया तैयार होने के बाद इसे बेहतर तरीके से पैक किया जाता है और पैकेजिंग के बाद इसे झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भेजा जाता है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो