TNP DESK: झारखण्ड में एक चीज तो माननी पड़ेगी कि यहाँ योजनाओं को स्वीकृति तो मिल जाती है,निविदा भी निकलती है ,निविदा निकलती है और संवेदकों को निविदा के माध्यम से आवंटित भी हो जाती है ,संवेदकों को कार्यादेश भी सुपुर्द कर दिया जाता है. लेकिन जब संवेदक कार्य शुरू करते हैं और तो पता चलता है कि सम्बंधित विभाग में आवंटन ही नही है .नतीजा योजना आधी अधूरी बनकर सालों से यूँही पड़ी रहती है .ऐसी ही एक योजना राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 -22 में लगभग 3 करोड रुपयों से मोक्ष धाम बनाने की गोड्डा में भी स्वीकृत की गयी मगर आज भी 3 वर्षों में पूर्ण नही हो पाया है .
2.99 करोड़ की थी योजना बिजली वाली मोक्ष धाम की
जिला मुख्यालय से सटे कनभारा में कझिया नदी किनारे राज्य से बिजली मोक्ष धाम से स्वीकृति मिली थी .इस योजना की लागत दो करोड़ 99 लाख रूपये थी .मकसद था कि जो जरुरत मंद विधि विधान से लकड़ियों का इंतजाम नही कर सकते या फिर जिनके पास समय का अभाव है उनके परिजनों को इसी मोक्ष धाम के मध्यम से अंतिम संस्कार की सुविधा मिले .मगर दुर्भाग्य कि आज तीन वर्ष बीतने को है ये मोक्ष धाम आज तक बनकर तैयार न हो पाया .
यहाँ के सुरक्षा गार्ड का लाखों का बकाया
इस मोक्ष धाम का कार्यभार जिस संवेदक को मिला है वो रांची के रहने वाले हैं और इन्हें संताल परगना सहित राज्य के कई जिलों में काम आवंटित हुए थे .मगर कहीं भी इनके द्वारा कार्य पूर्ण नही कराया गया है .यही नहीं गोड्डा में सुरक्षा की जिम्मेदारी लक्ष्मण साह को दस हजार रूपये प्रतिमाह पर दी गयी थी उसके भी लाखों के पैसे बकाया रखा गया है .लक्षमण कहते हैं कि जो संवेदक हैं वो कभी यहाँ आते ही नहीं और पैसे भी मांगते हैं तो आश्वासन ही मिलता है .
नहीं है कार्यस्थल पर योजना का बोर्ड
सबसे बड़ी बात कि इस योजना स्थल पर योजना को लेकर कोई शिलापट भी अंकित नहीं है जिससे लोगों को इस योजना की जानकारी मिल सके और इस योजना की प्राकलित राशी और पूर्ण होने का समय क्या है .जानकारी के अनुसार इसका शिलान्यास रांची से ही ऑन लाइन किया गया था .अब ये किस मद से किस विभाग से निर्माण हो रहा है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है .
भवन निर्माण में कई त्रुटियाँ अभी से नजर आ रही
वैसे तो ये भवन अभी आधी अधूरी ही है मगर जितना भी निर्माण कार्य करवाया गया है उसमे कई त्रुटियाँ अभी से दिखने लगी है जिससे इसका भविष्य समझ में आने लगा है .कई स्थानों से छतों से पानी का रिसाव हो रहा तो कई स्थानों पर दीवारों से भी पानी रिसाव के दाग धब्बे नजर आ रहे हैं .
बहरहाल अब कारण जो भी हो ,सरकार सहित जिला प्रशासन को कम से कम जनउपयोगी योजनाओं की स्वीकृति से लेकर पूर्ण होने तक गंभीर होकर निगरानी करने की जरुरत है ताकि योजनायें धरातल पर समय पर उतरे और लोगों को इसका लाभ मिल सके .
रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह

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