गुमला(GUMLA): ऐसे तो झारखंड में कई ऐसी समस्याएं हैं लेकिन उनमें सबसे बड़ी समस्या अगर है तो वह है पलायन का. झारखंड के विभिन्न इलाकों से लोग रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं. गुमला जिला भी झारखंड का एक ऐसा जिला है जहां से काफी संख्या में महिला-पुरुष पलायन कर दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी का काम करते हैं. इस दौरान कई बार उनके साथ ऐसा हादसा होता है जो न केवल उन्हें प्रताड़ित करता है बल्कि पूरे झारखंड को शर्मसार कर देता है. ऐसे में झारखंड सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद भी जमीनी स्तर पर पूर्व में काम नहीं हो पाया जिससे की इलाके से पलायन को रोका जा सके. लेकिन वर्तमान की हेमंत सोरेन सरकार की पहल के बाद गुमला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिसकी मांग लंबे समय से ग्रामीण कर रहे थे.
बता दें कि, गुमला जिले के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसानों को उनके गांव घर में खेती करने के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर झारखंड सरकार की कृषि विभाग के भूमि संरक्षण विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए काफी संख्या में तालाब का निर्माण करवाया जा रहा है. जिले के विभिन्न इलाकों में लगभग 300 से अधिक तालाब का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसमें से कई तालाब के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है. इन तालाब का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद इस भीषण गर्मी में भी उन तालाब में बेहतर और पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता देखने को मिल रही है. जिसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अब आसानी से किसान अपने गांव में ही रहकर इस सिंचाई की संसाधन का उपयोग करके आसानी से खेती कर पाएंगे और अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे.
इन योजनाओं को संचालन करने वाले भूमि संरक्षण विभाग के पदाधिकारी द्वारा यह आकलन किया गया और बार-बार जिले के डीसी की ओर से भी यह निर्देशित किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है. जिसे गंभीरता से लेते हुए उनके द्वारा विभिन्न इलाकों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में तालाब का निर्माण करवाया जा रहा है और जिन तालाब का निर्माण करवाया गया है, निश्चित रूप से उस इलाके में पलायन पर रोक लग पाएगा और लोग अपने गांव घर में रहकर ही सब्जी की खेती कर पाएंगे. क्योंकि, गुमला जिले में अधिकांश लोग बारिश के समय मेन केवल धान की खेती करने के बाद यहां से पलायन कर जाते थे. लेकिन सिंचाई की सुविधा मिलने के बाद अब किसान आसानी से अपने गांव घर में ही सब्जी की खेती कर अपने जीवन को बेहतर तरीके से बिता पाएंगे.
गुमला जिले के ग्रामीण क्षेत्र की अगर आप स्थिति का आकलन करेंगे तो आप देखेंगे कि गुमला जिले के विभिन्न इलाकों में लोग केवल खेतों में बारिश के दौरान ही धान की खेती कर पाते थे. ग्रामीणों का स्पष्ट मानना था कि वह मेहनत तो करना चाहते हैं उनके पास जमीन भी उपलब्ध है लेकिन सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण वह खेती नहीं कर पाते थे. जिसके कारण वह मजबूरी में अपने परिवार के लिए पलायन करते थे और बाहर जाकर काम करते थे. जहां मजदूरी के रूप में काम तो मिलता था लेकिन उनके साथ कई तरह की प्रताड़ना होती थी जिसके कारण उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था. ऐसे में पेट की आग बुझाने के लिए वह मजबूरी में इस तरह का काम करने को मजबूर थे. लेकिन अब सरकार की ओर से जिस तरह से उनके लिए तालाब का निर्माण करवाया जा रहा है उनके गांव घर में रहकर उनके लिए काम करने का विकल्प मिल पाया है. इतना ही नहीं बाहर जाकर काम करने वाली महिलाओं को भी अब राहत मिलेगी.
ऐसे में सरकार के इस पहल के बाद गुमला जिले के विभिन्न इलाकों में जो परिस्थितियां बन रही है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि निश्चित रूप से इलाके में अब आने वाले दिनों में पलायन पर काफी हद तक विराम लग पाएगा. हालांकि, लोगों का भी स्पष्ट मानना है कि जिस संख्या में तालाब का निर्माण कराया जा रहा है इस संख्या को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है. तभी जाकर अधिकांश गांव में लोगों को अपने खेत के आसपास सिंचाई संसाधन के रूप में तालाब देखने को मिलेगा. इसके बाद आसानी से वह अपने खेतों में सिंचाई कर सब्जी की खेती कर पाएंगे और स्थानीय बाजारों में बेचकर उसका लाभ लेकर अपने परिवार को भरण पोषण आसानी से कर पाएंगे.
रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह
Recent Comments