रांची(RANCHI): झारखंड में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक तपिश बढ़ गई है. इंडिया और एनडीए अपनी अपनी जीत की दावेदारी कर रहे है. लेकिन इस बीच जयराम महतो की इंट्री से माहौल बदल गया है. अब चर्चा है कि जयराम महतो यानि JLKM ही यह तय करेगी की आखिर जीत किसके झोली में जाने वाली है. ऐसे में अब जयराम महतो जल्द ही बैठक कर अपनी रणनीति तय करेंगे. इससे पहले अब सीट के समीकरण को समझने की जरूरत है. कैसे जयराम फैक्टर बनेंगे और जयराम ने क्या बयान दिया है.

जयराम बना रहे रणनीति

सबसे पहले जयराम महतो के उस बयान को बताते है.JLKM प्रमुख जयराम महतो ने रांची में मीडिया से बात करते हुए कहा कि घाटशिला उपचुनाव में पार्टी चुनाव लड़ेगी या नहीं कौन प्रत्याशी होगा अभी यह तय नहीं किया है. लेकिन जल्द ही पार्टी केन्द्रीय समिति की बैठक होगी. जिसमें इस बिन्दु पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा. जिसमें पूरे चुनाव पर चर्चा होनी है. जिसमें सभी चीजों को तय किया जाएगा.

2024 के चुनाव में काटे की टक्कर में JMM की जीत

अब इस सीट पर 2024 के चुनाव परिणाम को देखे तो यहां JLKM का कोई खास प्रदर्शन नहीं रहा. लेकिन इस बार स्तिथि कुछ और हो सकती है. विधानसभा चुनाव 2024 में रामदास सोरेन इस सीट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. जबकि दूसरे नंबर पर बाबूलाल सोरेन थे. रामदास सोरेन ने 22 हजार वोट से जीत दर्ज किया था.वही जयराम की पार्टी के प्रत्याशी रामदास मुर्मू आठ हजार वोट पर सिमट गए थे.

किधर जाएगा कुड़मी वोट

इस बार उपचुनाव है और इस चुनाव में भी कई दावेदार सामने है. लेकिन लड़ाई सीधे इंडिया और एनडीए के बीच होने वाली है. लेकिन नजर सबकी जयराम पर रहेगी. इस सीट पर मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक  कुड़मी महतो की आबादी करीब 10 से 12 प्रतिशत है. ऐसे में अगर मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए वोट एक जगह पड़ता है तो फिर माहौल बदल सकता है. ऐसे में सवाल है कि जयराम की पार्टी का निशाना किसके वोट पर होगा. अगर JMM प्रत्याशी के वोट बैंक में सेंधमारी होती है तो परिस्थिति बदल सकती है.

दोनों गठबंधन ने झोंकी ताकत

यहां और अगर सुदेश महतो के साथ कुड़मी वोट जाता है तो फिर भाजपा को सीधा फायदा पहुंच सकता है. पिछले चुनाव में 22 हजार वोट से ही भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार चुनाव काफी काटे के टक्कर वाला होने की संभावना है. भाजपा कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेर रही है. घाटशिला में खुद चंपाई सोरेन कैम्प कर बैठे है.तो झामुमो भी पूरी ताकत झोंक चुकी है. लेकिन दोनों प्रत्याशी जी जान से इस सीट पर लगे हुए है.