धनबाद(DHANBAD): पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को झारखंड सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आवश्यक दवाएं लंबे समय से उपलब्ध नहीं है. मजबूरी में गरीब मरीजों को बाहर की निजी दुकानों से महंगे दामों पर दवा खरीदनी पड़ रही है. यह वही दुकान हैं, जो रिम्स के ठीक पास स्थित है. यह दुकाने कुछ साल पहले ही खुली है. ऐसा लगता है कि रिम्स में जानबूझकर दवाओं की कमी की जा रही है, ताकि मरीज इन निजी दुकानों की ओर रुख करे. रिम्स प्रबंधन और निजी दवा दुकानदारों के संगठित मेडिकल माफिया तंत्र को सरकार का भी संरक्षण प्राप्त है.
सवाल किया -जब दवा नहीं मिलेगी तो लोग कहा जाएंगे
जब सरकारी अस्पतालों में दवा ही नहीं होगी ,तो आम आदमी कहां जाएगा. सरकार को मेडिकल माफिया पर लगाम कसनी होगी, जिससे कि रिम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की साख बची रहे. वैसे देवघर के मामले को लेकर सरकार अभी कठघरे में है. देवघर के कुंडा मेघा सेवा सदन में शव देने के बदले पैसे की मांग का मामला फिलहाल जांच के घेरे में है. जमीन बेचकर मां द्वारा बेटे का शव लेने के मामले में कई तरह के मोड आ रहे है. महिला के बयान को बदलने तक के आरोप लग रहे है. मृतक कन्हैया कापड़ी की मां ने आरोप लगाया है कि उसके बयान बदल दिए गए है. इधर, इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर सिविल सर्जन के नेतृत्व में पांच सदस्य टीम का गठन किया गया है.
पांच सदस्यों की टीम लाश के बदले पैसे की करेगी जाँच
यह टीम मोहनपुर के चकरमा गांव निवासी 14 वर्षीय कन्हैया कापड़ी का शव मेघा सेवा सदन से लेने के लिए जमीन बेचकर पैसे देने के मामले की जांच करेगी. वैसे भी पिछले दिनों धनबाद के एक कार्यक्रम में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अगर कोई अस्पताल पैसे के लिए शव नहीं देते हैं, तो सीधे शिकायत करे. हम देखेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी कहा था कि मेडिकल कोई व्यवसाय नहीं है. अमूमन निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों में 90% ठीक होकर घर चले जाते है. 10 प्रतिशत लोगों की ही मौत होती होगी. सिर्फ 10% मरीजों की मौत के बाद पैसे के लिए शव को रोकना कहीं से सही नहीं है. जो भी हो लेकिन देवघर मामले को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी हमलावर थे और फिर उन्होंने सोमवार को रिम्स में दवा माफिया के साथ सांठगांठ का बड़ा आरोप जड़ दिया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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