धनबाद(DHANBAD) : बदले की आग किसी को भी किस हद तक अंधा कर देती है, इसका उदाहरण धनबाद के चिरकुंडा में देखने को मिला है. रविवार की रात कुमारधुबी स्टेशन के समीप जिस कुंदन रवानी की निर्मम ढंग से हत्या की गई, उसके मूल में आपसी रंजिश बताई जाती है. हत्या बहुत ही शातिर अंदाज में की गई है. निर्ममता की भी हद पार की गई है. सूत्रों पर भरोसा करें तो बदले की इस आग ने दो परिवारों को तबाही की ओर झोंक दिया है. एक परिवार का तो बेटा चला गया तो दूसरे परिवार पर हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हो गया है. फिलहाल यह परिवार फरार बताया जाता है. कहा तो यह भी जाता है कि कुंदन रवानी की कुमारधुबी में जिस जगह पर रविवार को हत्या की गई, इसी स्थान पर उसने 2016 में रंजीत महतो नमक व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी. 7 सालों बाद वह जेल से निकला था.
10 साल पहले कुंदन रवानी कुमारधुबी में ही रहता था
सूत्र बताते हैं कि 10 साल पहले कुंदन रवानी कुमारधुबी स्टेशन के पास झोपड़पट्टी में रहता था. जेल से आने के बाद बैंक मोड़, धनबाद के गुरुद्वारा के समीप अपनी बहन के पास रह रहा था. मृतक की बहन की शिकायत पर चिरकुंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है. मृतक कुंदन रवानी की बहन कविता देवी ने हत्या को लेकर रंजीत महतो की पत्नी मुनिया, रंजीत का बेटा, पुत्री के अलावे अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में बहन ने कहा है कि मुनिया देवी हमेशा हत्या की धमकी देती थी और योजना बनाकर उसके भाई की हत्या की गई है. बता दें कि धनबाद के चिरकुंडा में रविवार की देर रात कुंदन रवानी की निर्मम हत्या कर दी गई थी. उसकी उम्र लगभग 35 वर्ष बताई गई थी.
रविवार को रामनवमी की रात की गई थी हत्या
सूत्रों के अनुसार रविवार को रामनवमी की रात कुमारधुबी रेलवे स्टेशन के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन के पीछे बने हनुमान मंदिर के पास लोग रामनवमी के मौके पर प्रसाद और खिचड़ी ग्रहण कर रहे थे. कार्यक्रम भी चल रहा था. इसी दौरान कुंदन रवानी वहां पहुंचा और कार्यक्रम में शामिल हुआ. उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई है. सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची, उसे स्थानीय निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. उसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर किया गया. एंबुलेंस से धनबाद ले जाने के क्रम में ही उसकी जान चली गई.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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