टीएनपी डेस्क: आयुष्मान भव: नहीं अब परेशान भव: कहिए साहेब! जी हां, कभी गरीब मरीजों का इलाज में सहायक रहे आयुष्मान योजना अब परेशान योजना बन गई है.
आपको बता दें कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना से संबंध दर्जनों अस्पतालों ने पांच मई से मरीजों को आयुष्मान योजना के माध्यम से मुफ्त इलाज करना बंद कर दिया है.
लोगों को अब इलाज कराने में हो रही परेशानी
इधर, आयुष्मान से इलाज कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल पहुंचे मरीजों की परेशानी तब बढ़ गई जब अचानक उन्होंने नोटिस पर देखा कि प्राइवेट अस्पतालों ने यह सेवा बंद कर दी है. राजधानी रांची के निजी अस्पताल में डायलिसिस के लिए पहुंचे मरीज का कहना है कि इसमें चार्ज न्यूनतम 1200 और अधिकतम 2400 तक खर्च आता है. डायलिसिस कराने पहुंचे पंडरा के गोविंद रजक ने कहा की इस बीमारी के लगने के बाद उनकी कमाई भी रुक गई. आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से डायलिसिस की सेवा लेते आ रहे हैं. अब आज जानकारी मिली कि इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. अब तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि हम क्या करें.
मांडर से आए अयूब अंसारी, ठाकुरगांव के शहाबुद्दीन अंसारी, बड़कागांव से आए सरोज कुमार मिश्रा समेत एक दर्जन से अधिक किडनी मरीज और उनके अटेंडेंट काफी निराश दिखे. सभी का कहना था कि हम किडनी मरीज के लिए डायलिसिस ही जीने की उम्मीद है और इस उम्मीद को आयुष्मान भारत योजना पूरी कर रही थी.
10 माह से आयुष्मान भारत योजना की राशि का नहीं हुआ भुगतान
इधर, अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि जुलाई 2024 से अर्थात 10 माह से आयुष्मान भारत योजना की राशि का भुगतान नहीं हुआ है. 40 करोड़ से अधिक बकाया है. इतनी बड़ी राशि का बकाया होने से अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ने लगी है. चिकित्सक और कर्मियों को तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका है. ऐसे में अब बगैर भुगतान के इस योजना के तहत कितना इलाज करें.
Recent Comments