धनबाद(DHANBAD): धनबाद सांसद के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट स्वीकार करते हुए प्रतिवादी  को नोटिस जारी कर दिया है. साथ ही चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सांसद की संपत्ति जांच करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. जिसपर अब कोर्ट ने जवाब मांग दिया है.    

मालूम हो कि इसके पूर्व में सामाजिक कार्यकर्ता सह अधिवक्ता सोमनाथ चटर्जी ने सांसद ढुल्लू महतो के विरुद्ध आय से अधिक सम्पति के मामले का ED, CBI तथा आयकर विभाग से जाँच करने का मांग माननीय झारखण्ड उच्च न्यालय में 2011 क़ो जनहित याचिका संख्या WP (PIL) 6438/2011 के जरिए किया था.   जिसका निष्पादन झारखण्ड उच्च न्यालय के जस्टिस D. N. पटेल व जस्टिस अमिताभ के गुप्ता ने दिनांक 30 अप्रेल 2016 क़ो आयकर तथा प्रवर्तक निर्देशालय क़ो तत्कालीन विधायक ढुल्लु महतो के आय से अधिक सम्पति के जाँच का आदेश पारित कर उक्त याचिका क़ो निष्पादन किया गया था.

2 साल बीतने के बाद भी प्रतिवादी आयकर विभाग तथा प्रवर्तक निर्देशालय ने कोई जाँच नहीं करने के कारण अधिवक्ता सोमनाथ चार्टजी ने पुनः CMP/ 2018 क़ो याचिका दाखिल कर उच्च न्यालय से मांग किया गया था की जनहित याचिका संख्या WPPIL/ 6438/ 2011 में पारित आदेश के अलोक में प्रतिवादी आयकर विभाग तथा प्रवर्तक निदेशालय  से विधयक के आय से अधिक सम्पति के जाँच का प्रतिवेदन प्रतिवादी से माँगा जाय.

उक्त याचिका में लम्बी सुनवाई के बाद 2024 में उक्त याचिका का निष्पादन किया गया था. बिना प्रतिवादी के जाँच प्रतिवेदन का उक्त याचिका 2024 में निष्पादन किया गया था, जिस कारण याचिका कर्ता ने पुनः दूसरा जनहित याचिका WP(PIL) 39/2025 क़ो दाखिल किया गया था. उक्त याचिका में भी माननीय झारखण्ड उच्च न्यालय के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस राजेश कुमार के डबल बेंच ने बिना प्रतिवादी के जाँच प्रतिवेदन के दिनांक 16 जून 2025 क़ो उक्त याचिका क़ो ख़ारिज करते हुए प्रतिवादी आयकर विभाग तथा प्रवर्तक निर्देशालय क़ो आरोपी सांसद के बेनामी सम्पति के जाँच का आदेश क़ो पारित कर याचिका निष्पादन किया गया था. आयकर विभाग ने सपथ पत्र के द्वारा उच्च न्यायालय क़ो बताया था कि आरोपी विधायक ढुल्लु महतो के कई बेनामी संपत्ति हैं जिसका सपथ पत्र में उल्लेख किया है, जिसका जाँच आयकर विभाग के बेनामी प्रोपटी यूनिट (पटना) के आयुक्त द्वारा जांच किया जा रहा है.

जनहित याचिका WP (PIL) 39/2025 में प्रतिवादी प्रवर्तक निर्देशालय द्वारा सपथ पत्र दायर कर दिनांक 7/3/2025 क़ो सांसद का आय से अधिक का सम्पति रांची जोन के सहायक निदेशक द्वारा दिनांक 7 3.2025 को झारखंड उच्च न्यायालय में शपथ पत्र द्वारा बताया गया कि सांसद के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय द्वारा FIR संख्या ECIR/RNZO/09/2023 में आरोपी सांसद के विरुद्ध 7 FIR के आधार पर प्राथमिक की दर्ज किया गया.

 जनहित याचिका दिनांक 16 जून 2025 को जस्टिस सुनील नारायण प्रसाद तथा जस्टिस राजेश कुमार के बेंच ने आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय को जांच का  आदेश देते हुए याचिका का निष्पादन किया गया, उक्त आदेश के विरोध अधिवक्ता सह सामाजिक कार्यकर्ता सोमनाथ चटर्जी ने  सर्वोच्च न्यायालय ( नई दिल्ली ) में SLP ( CIVIL) special leave petition दाखिल किया गया था.  

याचिका में 14 अक्टूबर 2025 क़ो सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस विक्रम नाथ और  जस्टिस संदीप मेहता के डबल बेंच में सुनवाई हुआ. अधिवक्ता सह सामाजिक कार्यकर्ता सोमनाथ चटर्जी के तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बहस किया जिससे सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार करते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी किया तथा अगली सुनवाई 4 सप्ताह के बाद होगी.

इधर अधिवक्ता सह सामाजिक कार्यकर्ता सोमनाथ चटर्जी से टेलिफोनिक पूछने पर बताएं कि आयकर विभाग, प्रवर्तक निर्देशालय एवं सीबीआई निष्पक्ष जांच करें तो सांसद के 40,000/= करोड रुपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा हो सकता है.

 

रिपोर्ट: नीरज कुमार