रांची (RANCHI) : रांची के चर्चित कमल भूषण हत्याकांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एजेसी-3 आनंद प्रकाश के न्यायालय में सुनाया गया. फैसला इस मामले में ट्रायल फेस कर रहे राहुल कुजूर, डबलू कुजूर, काविस अदनान को धारा 302 आईपीसी के तहत दोषी करार पाया गया था. इस मामले में सुशीला कुजूर को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया. जबकि इस केस में सरकारी गवाह बने मुनव्वर अफाक को भी बरी कर दिया गया. 

बताते चलें कि कमल भूषण रांची के एक बड़े ज़मीन कारोबारी थे, लेकिन 2022 में उनकी हत्या कर दी गई. हत्या के बाद जो तथ्य सामने आए, उन्होंने सबको चौंका दिया. कमल भूषण की बेटी ने राहुल कुजूर से प्रेम विवाह किया था, जिससे कमल नाखुश थे. वहीं दूसरी ओर, राहुल प्यार के साथ-साथ पैसों का भी लालच था. दामाद और ससुर के बीच अक्सर पैसों को लेकर झगड़ा होता रहता था. राहुल को डर था कि कमल भूषण उसकी हत्या करवा सकते हैं.

इसलिए उसने संपत्ति हड़पने के लिए अपने ससुर को खत्म करने का फैसला किया. हत्या की योजना तीन महीने पहले बनाई गई थी. अब पिस्तौल और गोलियों की तलाश थी. हथियार मिलने पर कमल भूषण की हत्या कर दी गई. हथियार मिलने के बाद, 27 मई से कमल भूषण पर नज़र रखी जाने लगी. सुबह घर से निकलने से लेकर रात को घर लौटने तक उन पर नज़र रखी गई.

हत्या के सिलसिले में एक महिला समेत पाँच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आरोपियों में कमल के दामाद राहुल कुजूर, उनके साले डब्ल्यू कुजूर, उनकी साली सुशीला कुजूर, उनके साले के ड्राइवर मुनव्वर अफाक और उनके दामाद के दोस्त कविश अदनान शामिल हैं. तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि कमल की हत्या आर्थिक विवाद और अपनी बेटी के प्रेम विवाह के विरोध के कारण हुई थी.

एसएसपी ने यह भी बताया कि राहुल अपने दोस्त कविश के साथ हथियारों से लैस होकर आया था. डब्ल्यू लगातार ज़मीन कारोबारी पर नज़र रख रहा था और अपने बेटे राहुल को उसकी गतिविधियों की जानकारी दे रहा था. राहुल ने अपने ससुर कमल भूषण को गोली मार दी और फिर देवी मंडप रोड भाग गया. राहुल के पिता डब्ल्यू अपने ड्राइवर मुनव्वर के साथ वहाँ पहले से ही इंतज़ार कर रहे थे. वह राहुल और कविश को कार में बिठाकर रातू थाना क्षेत्र स्थित अपने घर चला गया. उसने बांध के पास एक झाड़ी में दो पिस्तौल छिपा दीं और पहले कोलकाता और फिर दिल्ली भाग गया. पुलिस ने उसे दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया.