धनबाद(DHANBAD):  झारखंड से कोयला रोकने की धमकी के बाद कोयला मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जवाब दिया है.  यह जवाब आंकड़े में दिया गया है.  बताने की कोशिश की गई है कि अगर झारखंड से कोयला रुकेगा  तो झारखंड सरकार भी संकट में पड़ जाएगी.  उसे भी राजस्व की भारी हानि होगी.  बता दें कि झारखंड के वित्त मंत्री 136 लाख करोड रुपए बकाया की मांग के लिए केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे है.  इधर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 4 फरवरी को धनबाद में कहा कि अगर बकाया नहीं मिलेगा और जरूरत पड़ी तो झारखंड से कोयल का एक छटाक भी बाहर जाने नहीं देंगे. 

कोयला मंत्रालय ने जारी किया है एक आंकड़ा 
 
इस बीच एक आंकड़ा निकलकर आया है कि झारखंड को कोयले की कुल रॉयल्टी से मिलने वाली राशि में आधे की हिस्सेदारी केवल धनबाद की है.  चालू वित्तीय वर्ष के जनवरी महीने तक झारखंड को रायल्टी के रूप में कोयला कंपनियों ने 3350.23 करोड़ का भुगतान किया है.  इस राशि में 1531.41 करोड़ सिर्फ धनबाद से गया है.  यह जानकारी कोयला मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में दी गई है.  कोयला रॉयल्टी में झारखंड के निकटतम  ओडिशा  है.  झारखंड को कोयले की रॉयल्टी से 3350.23 करोड़ मिले है.  वही ओडिशा  को महज 2382.88 करोड रुपए ही मिले है.  

डीएमएफटी फंड में झारखंड अन्य राज्यों से आगे है

ज्यादा रॉयल्टी के कारण डीएमएफटी फंड में झारखंड अन्य राज्यों से आगे है.  डीएमएफटी की राशि खनन क्षेत्र वाले जिले की विकास योजनाओं एवं नागरिक सुविधाओं पर खर्च की जाती है. यह बात सह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चेतावनी के बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक नई बहस छिड़ गई है.  सवाल किया जा रहा  हैं कि क्या सचमुच झारखंड की  कोयला खदानों को ,केंद्र अगर पैसा नहीं देता है, तो बंद करा  दिया जाएगा.  फिर देश के उन 12 राज्यों का क्या होगा, जिनका आर्थिक पहिया झारखंड के कोयले से घूमता है? एनटीपीसी और डीवीसी जैसी देश की सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों का क्या होगा? निश्चित रूप से झारखंड कोल इंडिया लिमिटेड के लिए  कोयला उत्पादन में बहुत सहायक है.  मुख्यमंत्री झारखंड रॉयल्टी का बकाया 136 लाख करोड़ मांग रहे है.  केंद्र कह रहा है कि यह बकाया नहीं है. मुख्यमंत्री ने केंद्र को बकाए का पूरा डिटेल्स  भी भेजा है.  लगातार विभिन्न प्लेटफार्म से मांग  उठाते रहे है.  

केंद्रीय कोयला मंत्री का अभी हाल ही में झारखंड का दौरा हुआ था 

केंद्रीय कोयला मंत्री का भी हाल ही में झारखंड का दौरा हुआ था.  उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात भी की थी.  समझा जा रहा था कि यह विवाद अब सलट  जाएगा, लेकिन केंद्रीय कोयला मंत्री के दिल्ली लौटने  के बाद भी लगता है कि विवाद बना हुआ है.  . अब लगता है कि  झारखंड सरकार और केंद्र के बीच टकराहट की जमीन धीरे-धीरे ही सही, मजबूत होती जा  रही है.  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को धनबाद में झामुमो की स्थापना दिवस कार्यक्रम में खुले मंच से ऐलान कर दिया कि अगर केंद्र बकाया नहीं देता है, तो हम कोयला रोक देंगे.   मुख्यमंत्री ने 136 लाख करोड़ नहीं देने पर केंद्र को यह प्रत्यक्ष चेतावनी  दे दी है.  उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार अगर रॉयल्टी का बकाया 136 लाख करोड रुपए झारखंड को नहीं देती है, तो वह कोयला रोकने की भी ताकत रखते है.  अगर झारखंड अपने आप पर आ जाए तो पूरे देश में अंधेरा हो जाएगा.


रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो