धनबाद(DHANBAD): बोकारो में विस्थापितों का आंदोलन तो खत्म हो गया है, लेकिन बोकारो में अभी लड़ाई बाकी है. विस्थापित आंदोलन में एक युवक की जान चली गई थी. उसके बाद यह मामला कई जगहों पर,कई प्लेटफॉर्म पर उठा. बोकारो की विधायक श्वेता सिंह और डुमरी के विधायक जयराम महतो में टकराहट हुई. विधायक जयराम महतो ने श्वेता सिंह के खिलाफ सिटी थाने में मुकदमा तक दर्ज करा दिया. श्वेता सिंह भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. उन्होंने ने भी जयराम महतो की प्राथमिकी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उन्हें इस बात की नाराजगी है कि उनके विधानसभा क्षेत्र को आखिर क्यों अखाड़ा बनाया जा रहा है.
बाबूलाल मरांडी के बाद अर्जुन मुंडा भी पहुंचे थे बोकारो
इस मुद्दे पर, इसके पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी बोकारो जाकर विस्थापित परिवार को शहीद का दर्जा दिलाने की लड़ाई लड़ने की बात कह चुके है. इधर, बुधवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी बोकारो पहुंचे. सीआईएसएफ की लाठीचार्ज में विस्थापित प्रेम महतो के श्राद्ध कर्म में शामिल हुए. उन्होंने प्रेम महतो की मौत के लिए बोकारो जिला प्रशासन तथा हेमंत सरकार को जिम्मेवार बताया. उन्होंने कहा कि एक मेधावी छात्र, जिसने बेंगलुरु से बीटेक की डिग्री ली, उसका इस तरह से घटना में मौत काफी दुखद है.
प्रेम महतो की मौत केवल एक परिवार की क्षति नहीं है
यह सिर्फ एक परिवार की क्षति नहीं है, बल्कि राष्ट्र की भी क्षति है. क्योंकि होनहार युवक हमारे देश के भविष्य है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर चुप रहना संभव नहीं है. अर्जुन मुंडा ने बोकारो की विधायक श्वेता सिंह को भी निशाने पर लिया. अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रतिबंधित स्थान पर धरना देने के बावजूद बोकारो विधायक का नाम किसी भी प्राथमिकी में नहीं है. जो इस बात का संकेत है कि सारा हंगामा हेमंत सरकार के निर्देश पर हुआ है. इधर, डुमरी के विधायक जयराम महतो ने इस संबंध में 14 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि झारखंड में अवस्थित बोकारो स्टील लिमिटेड प्रबंध के द्वारा इस क्षेत्र के विस्थापितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.
गृह मंत्री से इसलिए की गई है हस्तक्षेप की मांग
इस मामले में आपका हस्तक्षेप जरुरी है. 500 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से स्थानीय लोगों में रोष है. वह पुलिस की कार्रवाई को लेकर डरे- सहमे है. यह मुकदमा बोकारो स्टील लिमिटेड के महाप्रबंधक सुरक्षा द्वारा स्थानीय थाने में दर्ज कराया गया है. 3 अप्रैल को विस्थापित अप्रेंटिस संघ के बैनर तले युवाओं ने बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन के सामने धरना दिया था. लगभग 1500 युवा इस संयंत्र में प्रशिक्षण हासिल किए हैं और लंबे समय से नौकरी की मांग करते आ रहे है. 3 अप्रैल को धरना के दौरान सीआईएसएफ के जवानों ने विस्थापितों पर लाठी चार्ज किया था. इस घटना में प्रेम कुमार महतो की मौत हो गई थी. इस लाठी चार्ज के विरोध में कई राजनीतिक दलों ने 4 अप्रैल को बोकारो बंद बुलाया था. इस बंद को स्थानीय लोगों और विस्थापितों ने भी समर्थन दिया था. मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि धरना प्रदर्शन, झड़प और बंद को लेकर प्लांट के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया था.
सोशल मीडिया एक्स पर विधायक ने पोस्ट में क्या लिखा है
इस मामले को लेकर विधायक जयराम महतो ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट भी किया है. कहा है कि विडंबना देखिए कि मारा भी गया विस्थापित और बीएसएल प्रबंधन द्वारा 500 विस्थापित लोगों पर मुकदमा भी कर दिया गया. हमने माननीय केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि विस्थापितों के हक और अधिकार के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर दशकों से चली आ रही समस्या का निदान कराया जाए. इस पोस्ट में उन्होंने गृह मंत्री को लिखे पत्र को भी टैग किया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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