धनबाद(DHANBAD): बोकारो के विस्थापितों का आंदोलन अब धनबाद पहुंच गया है. धनबाद में भी मंगलवार को प्रदर्शन हुआ. यह प्रदर्शन भाकपा माले ने किया. केंद्र सरकार को भी निशाने पर लिया, बोकारो प्रशासन भी निशाने पर रहा और बीएसएल मैनेजमेंट भी आंदोलनकारी के निशाने पर रहा. भाकपा माले ने सवाल किया कि क्या आंदोलनकारी प्रेम कुमार महतो के परिजन को 50 लाख का मुआवजा और अस्थाई नौकरी ही, इतनी बड़ी घटना की क्षतिपूर्ति है. केंद्र सरकार से विस्थापन कानून बनाने की भी मांग की गई. सवाल किया गया कि उन तमाम विस्थापितों का क्या होगा, जिनकी जमीन गई है. बोकारो के सीआईएसएफ के ऊपर भी गंभीर आरोप लगाए गए. कहा गया कि लाठी से पीट कर विस्थापित युवक की हत्या की गई और कहा जा रहा है कि गिरने से उसकी मौत हो गई है.
माले ने राज्य भर में आंदोलन छेड़ दिया है
बोकारो में विस्थापितों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में माले ने राज्य भर में आंदोलन छेड़ दिया है. इसी कड़ी में धनबाद में भी मंगलवार को कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. जिला सहसचिव कार्तिक प्रसाद ने कहा कि सीआईएसएफ ने पिछले दिनों बोकारो में विस्थापितों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया. जिसमें प्रेम महतो की जान चली गई. लाठी चार्ज में कई विस्थापित घायल भी हुए. अभी भी कई लोग बीजीएच में भर्ती है. उन घायलों को कोई देखने तक नहीं जा रहा है. भाकपा माले ने यह मांग की कि संसद में विस्थापितों के लिए कानून बनाया जाए. साथ ही बोकारो लाठी चार्ज के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
बोकारो में विस्थापितों के आंदोलन को लेकर भारी बवाल हुआ था
बता दें कि बोकारो में विस्थापितों के आंदोलन को लेकर भारी बवाल हुआ था. बोकारो स्टील प्लांट 36 घंटे तक बंद रहा. अधिकारी और कर्मचारी बोकारो स्टील प्लांट के भीतर फंसे रहे. विस्थापित बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य गेट को जामकर आंदोलन कर रहे थे. आंदोलन जब आगे बढ़ा तो लाठीचार्ज हो गया. इस लाठी चार्ज में एक विस्थापित प्रेम कुमार महतो की मौत हो गई. इस मौत के बाद आक्रोश और भड़क गया. पूरा बोकारो बंद रहा. जगह-जगह आगजनी हुई, फिर परिजनों के साथ समझौता वार्ता के बाद उन्हें 50 लाख का मुआवजा, जिस जगह पर मौत हुई थी , वहां प्रेम महतो की आदमकद प्रतिमा लगाने सहित विस्थापितों को नौकरी देने पर सहमति बनने के बाद आंदोलन खत्म हुआ था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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