धनबाद(DHANBAD): धनबाद और गोविंदपुर रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे के बाद जांच जैसे -जैसे आगे बढ़ रही है ,कई खुलासे हो रहे है. निबंधन  विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी सवालों के घेरे में है.  जांच पूरी होते-होते उनकी भी गर्दन फंस सकती है.  जानकारी के अनुसार धनबाद में कई प्रॉपर्टी खरीदने वालों ने पैन नंबर रहते हुए भी संपत्ति की खरीद बिक्री में पैन नंबर  का इस्तेमाल नहीं किया है.  सूत्रों के अनुसार जांच में लगभग 100 डीड  पकड़ में आए हैं, जिनमें  खरीदारों ने पैन नंबर का इस्तेमाल नहीं कर फॉर्म 60 का प्रयोग किया है. 

निबंधन कार्यालय ने ऐसी रजिस्ट्री की जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी है, जबकि नियम के अनुसार इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है.  बता दें कि आयकर विभाग धनबाद एवं गोविंदपुर अवर निबंधक कार्यालय में सर्वे के दौरान मिली गड़बड़ियों की जांच कर रहा है.   फार्म 60 का उपयोग ऐसे लोग ही कर सकते हैं, जिनके पास पैन नंबर नहीं है. 

 सूत्र बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 23- 24 और 24- 25 में हुई 1200 से अधिक रजिस्ट्री पर आयकर विभाग की नजर है.  सम्पति  का मूल्य 30 लाख  रुपए या इससे अधिक है. जांच पूरी होने के बाद हो सकता है कि जानकारी छुपाने के आरोप में  निबंधन कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो.  आयकर विभाग की टीम ने 12 एवं 14 नवंबर को धनबाद एवं गोविंदपुर अवर निबंधक कार्यालय में सर्वे किया था.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो