धनबाद(DHANBAD):  एक तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी तमाम पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में लगे हुए है.  इसके लिए वह लगातार पसीना बहा रहे है.  लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेता इस पर पानी फेर  रहे है.  झारखंड के कांग्रेस जिला अध्यक्षों के चयन में यह बात  पूरी तरह से खुलकर सामने आ गई है.  जिस तरह से विरोध हो रहा है, उसको देखते हुए ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है. धनबाद में बुधवार को एक बार फिर धनबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष का विवाद जमीन पर दिखा.  

कांग्रेस के जिला स्तरीय कार्यक्रम में वरीय नेताओं का टोटा 

कांग्रेस की ओर से आज "वोट चोर , गद्दी छोड़ " हस्ताक्षर अभियान रणधीर वर्मा चौक पर आयोजित किया गया.  लेकिन इस कार्यक्रम में धनबाद जिला के  वरीय  पदाधिकारी मौजूद नहीं थे .  यह अलग बात है कि प्रभारी अशोक चौधरी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.  जितनी ताम - झाम  के साथ तैयारी की गई थी, वह जमीन पर दिखी नहीं.   धनबाद जिला कांग्रेस के तमाम वरीय पदाधिकारी इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखा.  कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं में भी बहुत उत्साह नहीं दिख रहा था.  बता दें कि धनबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष के चयन को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है.  

धनबाद जिला अध्यक्ष का विवाद दिल्ली तक पहुंच गया है 

यह विवाद धनबाद रांची होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया है.  अब केंद्रीय नेतृत्व को इस पर फैसला लेना है.  जिला अध्यक्ष के लिए रायशुमारी में आए पर्यवेक्षकों पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है.  यह अलग बात है कि रायशुमारी  कार्यक्रम में अशोक चौधरी भी मौजूद थे. आज अपनी आँखों से उन्होंने विवाद से उपजे हालात को देखा.  कार्यकर्ताओं का सीधा आरोप है कि उन लोगों ने संतोष सिंह के नाम पर रजामंदी  नहीं दी थी, तो आखिर जिला कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर संतोष सिंह का चयन कैसे हो गया? कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अनुसार संतोष सिंह के दोबारा जिला अध्यक्ष बनने के बाद आज यह पहला कार्यक्रम था.  

दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर भी दिया जा चुका है धरना 

धनबाद के कांग्रेसी रांची के अतिथि शाला में झारखंड प्रभारी के राजू से मिले थे. और अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि जब तक संतोष सिंह को जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया नहीं जाता, तब तक वह लोग धनबाद जिला कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.  आज इस बात के सबूत भी मिल गए, जिला कांग्रेस के वरीय  पदाधिकारी कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे.  उल्लेखनीय है कि झारखंड के 25 जिला अध्यक्षों के लिए केंद्र और राज्य के पर्यवेक्षकों ने रायशुमारी  की थी.  कम से कम आधा दर्जन जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.  दिल्ली में नाराज कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय पर धरना भी दिया.  अपनी बातों से राष्ट्रीय महामंत्री केसी  वेणु गोपाल को भी अवगत कराया.  नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक संतोष सिंह को पद मुक्त नहीं किया जाता, वह जिला कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो