रांची(RANCHI): झारखंड एनसीपी के एकलौते विधायक कमलेश कुमार सिंह के खिलाफ शरद गुट ने विधानसभा न्यायधिकारण में मामला दर्ज कराया है.लेकिन इस मामले पर ही सवाल खड़ा होने लगा है. आखिर जब घड़ी चुनाव चिन्ह का मामला फिलहाल चुनाव आयोग के पास है और एनसीपी के अध्यक्ष के तौर पर अजित पवार को पार्टी के नेताओं ने चुना है.फिर यह कोई कैसे दावा कर सकता है कि घड़ी चुनाव चिन्ह उनका हो सकता है. पूरी प्रक्रिया के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यकारणी का चुनाव किया गया. इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भी दी गई. बावजूद झारखंड एनसीपी के विधायक के खिलाफ इस तरह का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेजना समझ से परे है.
जानिए कमलेश सिंह ने क्या कहा
इस मामले में झारखंड एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष कमलेश सिंह ने कहा कि जितेंद्र अहवद के द्वारा विधानसभा को एक पत्र भेजा गया. इस पत्र में उनपर आरोप लगाया गया. जिसके बाद उन्हे भी विधानसभा से पत्र मिला है जिसका जवाब अजित पवार और प्रफुल पटेल ने दे दिया.फिलहाल अभी यह ही स्पष्ट नहीं है की घड़ी चुनाव चिन्ह किसके पास रहेगा. बावजूद इस तरह से पत्र देना कही से भी उचित नहीं है. वह झारखंड से एनसीपी के इकलौते विधायक हैं और यह कानून उनपर लागू भी नहीं होता है.
फिलहाल जिस तरह से राजनीतिक फायदा के लिए एक विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.इसमें राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं हो सकता है. साथ ही विधायकी पर नहीं कोई खतरा नहीं हो सकता है. ऐसे मामले बदले की भावना में दर्ज कराये जाते हैं. अगर झारखंड विधानसभा में अन्य विधायकों को देखे तो कमलेश सिंह से पहले बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव, इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी पर भी मामला दर्ज कराया गया था. यह सब राजनीति का हिस्सा है.
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