रांची(RANCHI): देश आतंकवाद से लड़ रहा है. इस लड़ाई में पूरा देश एक जुट है. पक्ष और विपक्ष भी एक साथ कदम से कदम मिला कर पाकिस्तान के खिलाफ है. लेकिन झारखंड में एक अलग ही कहानी चल रही है. यहां अब उग्रवाद के बाद आतंकवाद और देश विरोधी ताकतों के समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में सवाल है कि आखिर झारखंड के युवाओं को कौन देश के खिलाफ उकसा रहा है. किसके इशारे पर झारखंड में देश विरोधी गतिविधि चलाई जा रही है. जब पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा दिखा रहा था, सेना के साथ खड़ा था तब रांची का एक युवक गजवा ए हिन्द और आर्मी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा था.

झारखंड और आतंकवाद की कहानी

आपको इस ख़बर में झारखंड में आतंकवादी पहुंच कैसे बढ़ रही है इसकी पूरी कहानी बताएंगे. सबसे पहले यह जान लीजिए की आखिर कैसे झारखंड आतंकियों के निशाने पर आया है और इस क्रांतिकारी भूमि में आतंक के बीज कैसे बोए जा रहे है. इसकी जड़ अब काफी गहरी हो गई है. जिसे खत्म करना एक चुनौती है. क्योंकि पैसा और जिहाद का सपना दिखा कर ना जाने कितने लड़कों के मन में देश विरोधी बाते भरी गई है. जिसकी परत अब धीरे धीरे खुल रही है.

रांची से युवक गिरफ्तार

ऐसा ही एक लड़का रांची के हिन्दपीढ़ी थाना क्षेत्र का रहने वाला अरमान मलिक है. उम्र महज 15-16 के करीब है, लेकिन इसके मन में देश के खिलाफ साजिश है. तभी तो अपने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट डाल दिया. एक पोस्ट में तो भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ किया गया. पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक दिखाया और उसमें ISIS आतंकी संगठन का लोगों लगाया गया. इसके बाद फिर एक पोस्ट सामने आया जिसमें वह लड़का लिखता है सभी लड़कों का सपना इंडियन आर्मी में जाने का होता है लेकिन हमारे लड़कों का सपना... नीचे फिर एक झण्डा है जो बता रहा है कि वह किधर जाना चाहता है.

कई आतंकी संगठन का लिंक झारखंड से

ऐसे में अब देखेंं तो झारखंड में अलकायदा, इंडियन मुजाहिद्दीन, HUT, ISIS जैसे आतंकी संगठन का सेफ जॉन बन गया है. सभी आतंकी संगठन से जुड़े कई लोगों की गिरफ़्तारी हुई. लेकिन लगातार इस संगठन से प्रेरित लोगों का नाम सामने आते रहा है. अब यह भी जान लीजिए आखिर आतंकी संगठन का तार झारखंड में कैसे आया है. यहां के युवा कैसे इस दलदल में जा रहे हैं.

ATS ने किया खुलासा

इसका खुलासा बीते दिनों खुद ATS ने किया था. जिसमें बताया गया कि झारखंड में कई स्लीपर सेल्स है. जिनका काम आतंकी गतिविधि के बारे में लोगों के दिमाग में डालना है. कई बैठके होती थी जिसमें बताया जाता था कि सरकार के खिलाफ विरोध करना है. साथ ही गजवा ए हिन्द और खिलाफत लाने की तैयारी करना है. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि किसी को भी यह जानकारी नहीं होती की वह किसके कहने पर काम कर रहा है और इसका अंजाम क्या होने वाला है.

काफी लंबा है इनका चयन

अगर उदाहरण के तौर पर देखें तो अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टीनेंट के जब आतंकी की गिरफ़्तारी हुई. इसमें खुलासा हुआ था की मेन कड़ी डॉ इस्तियाक है. डॉक्टर चान्हों के मदरसे में काम करने वाले मौलाना को बुलाता है और फिर इसे पैसा और कुछ समान देकर अपनी बात बताता है. जिसके बाद मौलाना और कई लोगों को बताता है कि देश में खिलाफत लाने की तैयारी करना है. इसकी बात से कुछ युवक सहमत होते है और फिर वह और किसी को जोड़ते है. जिससे इनका चयन काफी लंबा होता है.

ATS खोज में लगी

तभी तो पहले गिरफ़्तारी राजस्थान से हुई. उसके बाद फिर रांची का तार जुड़ा और रांची के बाद लोहरदगा और हजारीबाग तक अलकायदा का लिंक जुड़ा था. जिसे सुलझाने में ATS को भी कई दिन लग गए थे. अभी और कितने स्लीपर सेल्स झारखंड में एक्तिव है यह बताना मुश्किल है. साथ ही ATS सभी को खोजने में लगी है.