टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 1990 के दशक में भारतीय शेयर बाजार में एक ही नाम की चर्चा होती थी. वो नाम था हर्षद मेहता का. मगर, हर्षद मेहता स्कैम के बाद एक नाम शेयर मार्केट में निखर कर उभरा, वो था राकेश झुंझुनवाला का. राकेश झुनझुनवाला उस समय बीयर कार्टेल को फॉलो करते थे. मगर, हर्षद मेहता स्कैम के बाद वे बीयर से बिग बुल बन गए. और ये बिग बुल शेयर मार्केट का हमेशा ही बिग बुल बना रहा.
चलिए जानते हैं कि राकेश झुनझुनवाला कौन थे और उन्होंने शेयर मार्केट में अपनी शुरुआत कैसे की?
14 अगस्त को राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया. भारतीय शेयर बाजार में उन्हें वारेन बफेट के नाम से जाना जाता था. आइए जानते हैं कि आखिर राकेश झुनझुनवाला कौन थे और उन्होंने शेयर मार्केट में अपनी शुरुआत कैसे की?
राकेश झुनझुनवाला भारत के सबसे बड़े निवेशकों में शुमार थे. उनका नेट वर्थ करीब 46 हजार करोड़ से भी ज्यादा बताया जाता है. इतने बड़े नेट वर्थ वाले झुनझुनवाला का शुरुआती जीवन भी काफी आम रहा. उनका जन्म एक मीडिल क्लास फॅमिली में हुआ था. उनके पिता एक आयकर अधिकारी थे. परिवार से ही उन्हें शेयर मार्केट की शुरुआती जानकारी मिली. उन्होंने स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही 1985 से कर दी थी. बीएसई सेंसेक्स उस समय 150 प्वाइंट के आस-पास था और उस समय उन्होंने महज 5 हजार रुपये की पूंजी के साथ स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग की शुरुआत की थी.
उनके जीवन का पहला बड़ा मुनाफा टाटा टी से मिला, जिससे 1986 में उन्हें 5 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था. उन्होंने 43 रुपये में इस कंपनी के 5 हजार शेयर्स खरीदे थे जिसने महज तीन महीने के भीतर ही तीन गुना से अधिक रिटर्न दिया. इसके शेयर भाव महज तीन महीने में ही 143 रुपये तक पहुंच गए थे.
बीयर से बिग बुल बनने का सफर
उनके जीवन में एक और बड़ा मोड़ तब आया जब हर्षद मेहता स्कैम का खुलासा हुआ. इसके पहले तक वे बीयर कार्टेल में ब्लैक कोबरा के नाम से मशहूर मनु मनेक के फाॅलोअर थे. जब हर्षद मेहता स्कैम हुआ तो उन्हें बीयर से बुल बनने का मौका मिला और देखते ही देखते वे बिग बुल बन गए. उन्होंने शॉर्ट सेलिंग के जरीय खूब पैसा कमाया था. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब 1992 में हर्षद मेहता स्कैम का खुलासा हुआ तब पूरा स्टॉक मार्केट क्रैश हो गए. उस दौरान भी उन्होंने शॉर्ट सेलिंग कर खूब मुनाफा कमाया.
शेयर बाजार में झुनझुनवाला का सबसे पसंदीदा स्टॉक घड़ी और आभूषण बनाने वाली कंपनी टाइटन की रही है. टाटा की इस कंपनी में हिस्सेदारी लगाकर उन्होंने खूब पैसे कमाए. 31 मार्च, 2021 को समाप्त तिमाही के अंत में राकेश झुनझुनवाला के पास टाइटन कंपनी, टाटा मोटर्स, क्रिसिल, ल्यूपिन, फोर्टिस हेल्थकेयर, नज़र टेक्नोलॉजीज, फेडरल बैंक, डेल्टा कॉर्प, डीबी रियल्टी और टाटा कम्युनिकेशंस सहित 37 स्टॉक थे.
वो खास मौके जब राकेश झुनझुनवाला सुर्खियों में रहे
राकेश झुनझुनवाला के ऐसे कई किस्से रहे हैं, जिससे वे सुर्खियों में छाए रहे. आइए इन्ही किस्सों की बात करते हैं.
पहला किस्सा जिंदादिली का
राकेश झुनझुनवाला जिंदादिली के भी मिसाल थे. साल 2021 में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में वे व्हील चेयर पर बैठे हैं. व्हील चेयर पर बैठे हुए कजरारे-कजरारे गाने पर डांस कर रहे हैं. झुनझुनवाला डायबिटीज के मरीज थे, जिससे उनके पैर में सूजन रहती थी. वो ठीक से चल भी नहीं सकते थे, लेकिन व्हील चेयर पर उनका डांस बिग बुल की जिंदादिली का सबूत है.
इस वीडियो में झुनझुनवाला के साथ उनकी पत्नी रेखा, करीबी दोस्त उत्पल सेठ, अमित गोएला और परिवार के कई सदस्य दिख रहे थे.
दूसरा किस्सा उनकी बेफिक्री का
राकेश झुनझुनवाला के व्यक्तित्व की एक और खास बात उनकी बेफिक्री थी. वो औपचारिकताओं में नहीं फंसते थे. तभी तो देश के प्रधानमंत्री से मिलने वे बिना प्रेस किए हुए शर्ट पहने पहुंचे थे तो वित्त मंत्री से मिलने चप्पल पहनकर गए थे. ये दोनों ही तस्वीर खूब वायरल हुई थी. इस बारे में सवाल पूछे जाने पर झुनझुनवाला ने मुस्कुराते हुए बताया था, 'मैंने 600 रुपए देकर अपनी शर्ट प्रेस कराई थी. इसके बाद भी उसमें सिलवटें पड़ गईं तो मैं क्या करूं. मैं तो शॉर्ट्स पहनकर ऑफिस भी चला जाता हूं.
तीसरा किस्सा उनकी सादगी का है
जब राकेश झुंनझुनवाला से एक इंटरर्व्यू में पूछा गया था कि आपकी पोर्टफोलियो लगातार बढ़ रही है आपका नेट वर्थ भी बढ़ रहा है, इसे आप कैसे देखते हैं. तो उन्होंने बड़ा ही सादगी से जवाब दिया कि किसको गिनना है, क्या गिनना है. किसको बैलेंस शीट दिखानी है. हमारी एक पार्टनर है, उसको कोई इंट्रेस्ट नहीं है. मेरे पास आज जितनी संपत्ति है अगर उसका 10-15% भी होता, तब भी यही जिंदगी होती. मैं वही व्हिस्की पीता, उसी कार का इस्तेमाल करता, ऐसे ही घर में रहता। इसीलिए मैं गिनता नहीं हूं. मैं ये काम करता हूं, क्योंकि मुझे यही आता है.
अगला किस्सा उनके पछतावे का है
ज़िंदगी में इतना पैसा और इतना नाम कमाने के बावजूद भी उन्हें एक चीज का पछतावा रहा. वो डायबिटीज के मरीज थे. बावजूद इसके वे खूब शराब और सिगार पीते थे. इसका उन्हें पछतावा था.
उनके बारे में जो सबसे अहम किस्सा है वो है रिस्क लेने का
राकेश झुनझुनवाला हमेशा ही शेयर मार्केट में निडर रहे. उन्हें रिस्क लेने से कभी डर नहीं लगा. राकेश झुनझुनवाला ने एक इंटरव्यू में कहा था कि - 'मुझे मार्केट और औरत में इंट्रेस्ट है. औरत प्यार से चलती है और मार्केट रिस्क से. रिस्क लेना मेरी आदत है. बाजार जब अच्छे मौके देती है तो मैं अपनी पत्नी की चूड़ियां तक बेच कर निवेश करने के लिए तैयार हूं.
राकेश झुनझुनवाला का ड्रीम प्रोजेक्ट
हर आदमी की तरह राकेश झुनझुनवाला का भी एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. ये प्रोजेक्ट उनका शेयर मार्केट से जुड़ा हुआ नहीं बल्कि एयरलाइन इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ था. उनका ड्रीम प्रोजेक्ट एक एयरलाइन लॉन्च करने की थी. जिसे उन्होंने मौत आने से पहले पूरा भी कर लिया. हाल ही में उन्होंने अकासा एयरलाइन्स लॉन्च की. उन्होंने कई मौकों पर अकासा एयर की उड़ान सेवाओं के शुरू होने का जिक्र किया था. बीते 7 अगस्त को ही मुंबई से अहमदाबाद के बीच अकासा ने पहली उड़ान भरी. अकासा एयरलाइन्स की पहली उड़ान के ठीक एक हफ्ते बाद इसके सबसे बड़े स्टेकहोल्डर यानी राकेश झुनझुनवाला ने अंतिम सांस ली है. अपने 62 साल के जीवन में उन्होंने कई कामयाबी हासिल की. शेयर मार्केट में उनके जैसी पकड़ आज किसी की भी नहीं थी. उनके जीवन से लोग काफी सारी चीजे सीख सकते हैं.
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