टीएनपी डेस्क(TNP DESK): संसद भवन से अक्सर ऐसे मौके आपको देखने को मिलते होंगे जब ऐसे शब्दों का प्रयोग माननीय कर देते हैं जो उनको शोभा नहीं देता. इसी पर लगाम लगाने के लिए लोकसभा सचिवालय ने एक सूची जारी की है. मिली जानकारी के अनुसार राज्यसभा और लोकसभा के सत्रों के दौरान सदस्य तानाशाही, नौटंकी, लॉलीपॉप और जुमलाजीवि जैसे शब्द नहीं बोल पाएंगे. वहीं, संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू, कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. अगर माननीय इन शब्दों का प्रयोग करते है तो वे सदन के कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे.
इतना ही नहीं असंसदीय शब्द में अंग्रेजी के भी कुछ शब्दों को रखा गया है. जिनमें ‘आई विल कर्स यू', बिटेन विद शू', बिट्रेड, ब्लडशेड, चिटेड, शेडिंग क्रोकोडाइल टियर्स, डंकी, गून्स, माफिया, रबिश, स्नेक चार्मर, टाउट, ट्रेटर, विच डाक्टर आदि शमिल हैं. इन सभी शब्दों को सभापति या अध्यक्ष के आदेश पर हटा दिया जाता है.
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वहीं, लोकसभा में कामकाज की प्रक्रिया और आचार के नियम 380 के मुताबिक, सदन के अध्यक्ष को अगर लगता है कि चर्चा के दौरान अपमानजनक, असंसदीय, अभद्र या असंवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, तो वे सदन की कार्यवाही से उन्हें हटाने का आदेश दे सकते हैं. हालांकि कार्यवाही के नोट में ये लिखना पड़ता है कि अध्यक्ष के कहने पर इसे हटाया गया है.
रिपोर्ट: विशाल कुमार, रांची
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