झारखंड पुलिस का नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है.इसी बीच सरायकेला औऱ चाईबासा के इलाकों में सक्रिय हार्डकोर नक्सली महाराज प्रामाणिक के सरेंडर किए जाने या फिर गिरफ्तारी की चर्चा है जिसकी पुष्टि पुलिस स्तर पर नहीं की जा रही है. लेकिन ये तय माना जा रहा है कि 25 लाख के ईनामी महाराज प्रमाणिक को लेकर संस्पेंस खत्म होगा औऱ संभवतया रांची में इसकी पुष्टि करते हुए प्रेस ब्रीफिंग होगी.सूत्रों के मुताबिक नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने महाराज प्रमाणिक को संगठन से निकाल दिया था क्योंकि उसके पुलिस और एजेंसियों के साथ संपर्क रखने की खबरें थीं.
एक अरसे से आतंक का पर्याय था महाराज प्रमाणिक
सरेंडर है या गिरफ्तारी इसकी पुष्टि तो हो जाएगी लेकिन इसे झारखंड पुलिस की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. उसके पीछे कारण ये है कि मुख्यतया सरायकेला और चाईबासा के इलाकों में सक्रिय रहनेवाले महाराज प्रमाणिक अक्सर मुठभेड़ के बाद भाग निकलता था. कोल्हान की पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था महाराज प्रामाणिक .2019 के जून महीने में सरायकेला के कुकड़ू प्रखँड में उसके दस्ते ने जो खूनी खेन खेलकर पांच पुलिसकर्मियों की हत्या की थी उसे क्षेत्र के लोग कभी नहीं भूलेंगे. इलाके की ज्यादातर बड़ी नक्सली वारदातें महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में ही घटित होती थीं. महाराज प्रामाणिक सरायकेला के ईचागढ़ का रहनेवाला है. पुलिस पिछले एक अरसे से उसके खिलाफ अभियान चला रही है.
नक्सली संगठन से निकाला जा चुका था महाराज प्रामाणिक
जानकारी के अनुसार नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने पिछले दिनों महाराज प्रामाणिक औऱ बैलून सरदार को संगठन से निकाल दिया था. उन पर पुलिस औऱ खुफिया एजेंसियों से सांठ गांठ रखने का आरोप लगाकार ये कार्रवाई की गई थी. कुछ दिन पहले दक्षिणी जोनल के कमेटी के प्रवक्ता अशोक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इस कार्रवाई की जानकारी दी गई थी.उसमें बताया गया था कि दोनों नक्सली पुलिस के वरीय पदाधिकारियों के साथ षडयंत्र में शामिल हो गए हैं. प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि दोनों नक्सली लालच में पड़कर संगठन के 40 लाख , 1 9एमएम की पिस्टल, एके 47 , मोबाईल, टैबलेट वगैरह लेकर भाग गए हैं.संगठन की प्रेस रिलीज में बताया गया कि बार बार बीमारी के इलाज के बहाने महाराज प्रमाणिक पुलिस पदाधिकारियों से मिलता रहा. धीरे धीरे संगठन को जब ये जानकारी हुई तब कार्रवाई करते हुए दोनों को निष्कासित कर दिया गया.
अब तक राज्य में 245 नक्सली पुलिस के हाथ लग चुके हैं
झारखंड राज्य में भाकपा माओवादी संगठन समेत अन्य उग्रवादी संगठनों के खिलाफ पुलिस जोर शोर से अभियान चला रही है.इस साल की अगस्त तक कुल 245 नक्सलियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं164 उग्रवादी सरेंडर कर चुके हैं.अगर बात 2014 से अब तक कि करें तो गिरफ्तार नक्सलियों की संख्या 3,540 हो चुकी है. बीते सात सालों में पुलिस ने लेवी के 6 करोड़ से भी ज्यादा रूपये बरामद किए हैं.अभियान में 4 उग्रवादी मारे जा चुके हैं.सरेंडर करनेवाले उग्रवादियों में 15 लाख के ईनामी टीपीसी उग्रवादी मुकेश गंझू, चाईबासा में सक्रिय 10 लाख का ईनामी भाकपा मोओवादी जीवन कंडुलना जैसे नाम काफी खूंखार माने जाते हैं.ये दोनों उग्रवादी एनआईए की रडार पर रह चुके हैं.
2017 में गुड़ाबांदा दस्ता ने किया था सरेंडर
जमशेदपुर की बात करें तो पूर्वी सिंहभूम जिले का गुड़ाबांदा इलाका 2017 में ही उग्रवाद मुक्त करा लिया गया था जब कान्हू मुंडा के दस्ते ने सरेंडर कर दिया था. लेकिन जिले के बंगाल-झारखंड सीमा पर पटमदा, घाटशिला-गालूडीह, बगल के सरायकेला के दलमा में हार्डकोर नक्सली असीम मंडल औऱ सचिन महतो का दस्ता बीच बीच में अपनी कुछ सक्रियता दिखाता है. उनलोगों की धर पकड़ के लिए अभियान जारी है, हालांकि सफलता नहीं मिली है.इसी बीच महाराज प्रमाणिक के पुलिस के हत्थे चढ़ने की खबर है जो राज्य पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है.
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Shalin
3 years agoNice effort