चतरा ( CHATRA) - आंखों में बेबसी और चेहरे पर उदासी के साथ यह है सोमारी तिर्की. वर्ष 2020 में अपने पति सुधीर उरांव को खोने के बाद अब दाने-दाने के लिए मोहताज हैं. चतरा जिला से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर प्रतापपुर प्रखंड के हरहद गांव के पुरनाडीह टोला की सोमारी तिर्की अपने दो मासूम बच्चों के साथ रहती है. जिनका भरण-पोषण अब मुश्किल हो रहा है.गांव के लोगों के द्वारा अनाज दिए जाने के बाद ही इनके घर का चूल्हा जलता है. सबसे हैरानी की बात है कि इस पंचायत के मुखिया और ना ही पंचायत सेवक को इस बात की भनक है. सोमारी तिर्की बेबस और लाचार होकर कहती है कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं और कहते हैं कि गरीबो की सरकार है. लेकिन ठीक इसके विपरीत 2020 में विधवा होने के बावजूद आज तक न तो राशन कार्ड मिला है,न हीं विधवा पेंशन और न हीं आवास कि किसी तरह की योजना मिल पाई है. अब सवाल उठता है कि सरकारी योजनाएं आखिर किन तक पहुंचती है.
गांव वालों के सहयोग के बाद जलता है घर का चुल्हा
गांव की दूसरी महिलाओं का कहना है कि वास्तव में यह महिला आर्थिक तंगी का सामना कर रही है. गांव में किसी तरह मजदूरी कर कर अपना जीवन यापन कर रही है.हालांकि आसपास के लोगों के द्वारा सहयोग किया जाता है और अनाज या अन्य सुविधाएं दी जाती है तभी इनके घर के बच्चे को खाना नसीब हो पाता है.
डीडीसी ने राशन कार्ड देने का दिया भरोसा
दूसरी तरफ चतरा के डीडीसी सुनील कुमार सिंह ने कहा है कि सोमारी तिर्की को एक सप्ताह के अंदर राशन कार्ड एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएगी. उन्होंने अपने ही तंत्र पर भी सवाल खड़ा किया.उन्होंने बताया कि पंचायत सेवक एवं संबंधित कर्मी को भी बैठक कर इस मामले में जानकारी ली जाएगी.
सोमारी की तरह हजारों महिलाएं है सरकारी सुविधा से वंचित
गरीबों की सरकार कही जाने वाली सरकार में गरीब आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.गरीबो के हित में वादे तो कई किए जाते हैं लेकिन घरातल पर सरकार की योजाएं पहुंच नहीं पाती हैं.गरीब आज भी गरीबी की जीवन जीने को विवश हैं.
रिपोर्ट : संतोष कुमार,चतरा
Recent Comments