पटना(PATNA):बिहार की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को पटना के होटल मौर्या में 'बिहार कला पुरस्कार 2025' का भव्य आयोजन किया गया.कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और विभागीय मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए चयनित 52 उत्कृष्ट कलाकारों को सम्मानित किया। इस मौके पर कलाकारों की उपलब्धियों को दर्शाती एक स्मारिका का भी विमोचन हुआ.
हर वर्ष सम्मानित होंगे कलाकार: उप मुख्यमंत्री
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने घोषणा की कि अब प्रत्येक वर्ष बिहार के कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कलाकार समाज की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखते हैं और अपनी कला के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करते है.विरासत और विकास को साथ लेकर चलना हमारा लक्ष्य है. सिन्हा ने बिहार की फिल्म नीति को देश में सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि यह कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी.विभागीय मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने कहा कि तीन वर्षों से लंबित इस आयोजन को अब नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा. विभाग के सचिव प्रणव कुमार ने कहा कि कलाकार का दर्जा भगवान समान हैं, क्योंकि दोनों ही सृजन करते हैं। राज्य सरकार कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए हरसंभव प्रयास करेगी.
52 कलाकारों को पुरस्कार
समारोह में 18 नवोदित कलाकारों को 25,000 रुपये, 22 स्थापित कलाकारों को 50,000 रुपये, 6 कलाकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार और 6 कलाकारों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया.सभी सम्मानित कलाकारों को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए.कार्यक्रम में मशहूर लोकगायिका कल्पना पटवारी ने भिखारी ठाकुर का 'बेटी बेचवा' गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया.
6 कलाकार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित
वर्ष 2022-23:
• राष्ट्रीय पुरस्कार: प्रदर्श कला में स्व. चित्रा प्रसाद, चाक्षुष कला में पद्मश्री दुलारी देवी.
• लाइफटाइम अचीवमेंट: चाक्षुष कला में अनिल बिहारी, प्रदर्श कला में सुमन कुमार.
वर्ष 2023-24:
• राष्ट्रीय पुरस्कार: प्रदर्श कला में लोकगायिका कल्पना पटवारी, चाक्षुष कला में पद्मश्री बऊवा देवी.
• लाइफटाइम अचीवमेंट: चाक्षुष कला में पद्मश्री निर्मला देवी, प्रदर्श कला में भरत सिंह भारती.
वर्ष 2024-25:
• राष्ट्रीय पुरस्कार: प्रदर्श कला में रत्नेश्वर प्रसाद, चाक्षुष कला में अशोक कुमार विश्वास.
• लाइफटाइम अचीवमेंट: चाक्षुष कला में शिवन पासवान, प्रदर्श कला में भरत शर्मा व्यास.
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की निदेशक रूबी, भारतीय नृत्य कला मंदिर की प्रशासी पदाधिकारी कहकशां, पुरातत्व और संग्रहालय के निदेशक कृष्ण कुमार, संयुक्त सचिव महमूद आलम सहित कई लोग मौजूद रहें.इनके अलावा कला संस्कृति और साहित्य से जुड़े विद्वानों, कलाकरों, विद्यार्थियों और संस्कृति-प्रेमी दर्शकों की उल्लेखनीय उपस्तिथि ने समारोह को और भी गरिमामयी बना दिया.
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