रांची(RANCHI): केंद्र सरकार द्वारा नागरिकों की सुविधाओं के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं का लाभ देश की करोड़ों जनता को मिल भी रहा है. आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और खाद्यान जैसे हर क्षेत्र में सरकार नागरिकों के लिए योजनाएं चला रही हैं. इन्हीं योजनाओं में से एक है राशन कार्ड. देश में कई ऐसे नागरिक हैं, जो अपने जीवन यापन के लिए भी सरकार पर ही निर्भर हैं. ऐसे में उनके लिए राशन कार्ड सरकार द्वारा चलाई गई एक लाभकारी योजना है. इस योजना के तहत जरूरतमंद व गरीब लोगों को सरकार द्वारा मुफ़्त में राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है. आइए जानते हैं क्या है राशन कार्ड और किस वर्ग के लोग उठा सकते हैं इसके फायदे.
क्या है राशन कार्ड
भारत में कई ऐसे नागरिक हैं, जो अभी भी पूरी तरह से राशन खरीदने में असमर्थ हैं. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का राशन कार्ड बनवा कर उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सेवा अधिनियम (नेशनल फूड सर्विस एक्ट NFSA) के तहत हर महीने मुफ़्त व कम दरों में चावल, आटा, चीनी, दाल, नमक समेत अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.
साथ ही राशन कार्ड एक तरह से सरकारी आधिकारिक दस्तावेज़ की तरह काम करता है. राशन कार्ड राज्य में गरीब परिवारों की पहचान और निवास स्थान को प्रमाणित करता है. भारत के हर राज्य में राशन कार्ड राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है. राशन कार्ड कई प्रकार के होते हैं, जिसे हर आय वर्ग के अनुसार गरीब परिवारों के लिए राज्य सरकार जारी करती है. राशन कार्ड की मदद से राशन कार्ड धारक केंद्र व राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ उठा सकते है.
कब और क्यों की गई राशन कार्ड की शुरुआत
राशन कार्ड की शुरुआत साल 1940 में भारत में सबसे पहले पश्चिम बंगाल में हुई थी. उस समय पश्चिम बंगाल में अकाल पड़ा था. जिसके बाद फिर अंग्रेजों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान साल 1945 में इसे योजना का रूप दिया. फिर भारत की आजादी के बाद साल 1960 के समय में कई जगहों पर भोजन की कमी होने लगी और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. जिसके बाद सरकार द्वारा राशन प्रणाली को एक बार फिर शुरू किया गया.
कितने प्रकार का होता है राशन कार्ड
झारखंड में राशन कार्ड 3 रंग के होते हैं. प्रत्येक रंग को अलग-अलग आय वर्ग के परिवारों के लिए जारी किया जाता है. राज्य में गुलाबी, पीला और हरे रंग का कार्ड जारी किया जाता है.
गुलाबी राशन कार्ड: गुलाबी राशन कार्ड यानी की पीएच राशन कार्ड. यह राशन कार्ड झारखंड में उन लोगों के लिए है जिनकी सालाना आय 1,00,000 रुपए से कम है यानी की जो गरीबी रेखा के अंतर्गत आते हैं. गुलाबी कार्ड के तहत लाभुकों को हर महीने परिवार के सदस्यों के हिसाब से प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान मिलते हैं.
पीला राशन कार्ड: पीला राशन कार्ड को अंत्योदय भी कहते हैं. राज्य सरकार द्वारा यह कार्ड उन परिवारों के लिए जारी किया जाता है जो आय के अन्य स्त्रोतों पर निर्भर करते हैं. साथ ही विकलांग, वृद्ध व विधवा महिलायें भी इस कार्ड के तहत लाभ उठा सकती हैं. इसमें राशन मुफ़्त में सरकार द्वारा मुहैया करवाया जाता है. इस कार्ड के तहत लाभुकों को हर महीने 35 किलो खाद्यान जिसमें 15 किलो गेंहू और 20 किलो चावल दिए जाते है.
ग्रीन कार्ड: ग्रीन कार्ड के अंतर्गत वैसे परिवार आते हैं जो राशन कार्ड से वंचित हैं. यानी की ऐसे परिवार जो अंत्योदय या पीएच राशन कार्ड के अंतर्गत नहीं आते हैं. लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उन्हें सहायता की जरूरत है. ऐसे परिवारों को सरकार मुफ़्त में राशन मुहैया करवा रही है. इसके तहत 1 रुपए प्रति किलो अनाज सरकार द्वारा लाभूक परिवारों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
राशन कार्ड धारक जल्द करा लें ई केवाईसी
राशन कार्ड धारकों के लिए E-KYC करवाना अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में अगर आपके पास भी राशन कार्ड है तो जल्द से जल्द ई-केवाईसी करवा लें. सरकार द्वारा ई केवाईसी की प्रक्रिया की आखिरी तारीख को भी बढ़ा दी गई है. अब राशन कार्ड धारक ई केवाईसी अगले साल फरवरी 2025 तक करवा सकते हैं. हालांकि, अगर आप समय रहते ई-केवाईसी नहीं करवाते हैं तो आपका कार्ड निरस्त हो सकता है. ऐसे में आप सरकारी योजना और अनाज का लाभ नहीं ले पाएंगे. ई-केवाईसी करवाने के लिए राशन कार्ड धारक अपने नजदीकी राशन डीलर से संपर्क कर अपने कार्ड की ई-केवाईसी करवा सकते हैं.
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