टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर जंग जरुर रुक गयी है. लेकिन, अंदर ही अंदर एक कूटनीति की आग लगी हुई है, जो धधक रही है. आगे क्या होगा ये तो वक्त तय करेगा. लेकिन अभी जो हालात है, उसके मुताबिक ऊपर से तो सबकुछ ठीक दिख रहा है. लेकिन भीतर से कुछ न कुछ खिचड़ी पक ही रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीजफायर की खबर देकर सुर्खियां बटोर ली थी. इसके बाद उसने हजारों साल पुराने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता का ऑफर दिया. पाकिस्तान ने तो इसे लगे हाथ लपक लिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम की तारीफ की थी. भारत ने कश्मीर की मध्यस्थता में किसी भी देश के होने का इंकार किया. भारत का साफ कहना है कि ये दो देशों के बीच मसला है, जिसमे तीसरे की दखलअंदाजी के खिलाफ हैं.
सिर्फ POK पर होगी बात
विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की माने तो भारत का साफ कहना है कि कश्मीर पर उनका रुख साफ है, जिसमें किसी भी तीसरे पक्ष की दखल स्वीकार नहीं की जाएगी. अगर पाकिस्तान आतंकियों को सौंपने के लिए राजी हो जाएगा तो, बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं. इसके साथ ही भारत का स्पष्ट कहना है कि सिर्फ POK को वापस करने के मुद्दे पर ही बातचीत की जा सकती है. इसके अलावा किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत की गुंजाइश नहीं है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कहा था कि कश्मीर विवाद का समाधान खोजने के लिए दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है, जिसे उन्होंने हजारों साल से चल रहा मसला बताया था. ट्रंप की टिप्पणी उस दौरान आयी, जब एक दिन पहले उन्होंने ट्विट किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता अमेरिका ने करवाया.
कश्मीर पर पाकिस्तान दिखा रहा उतावलापन
पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर मसले पर ट्रंप की मध्यस्थता की सराहना की. उनका कहना था कि राष्ट्रपति ट्रंप को कश्मीर मसले के समाधान में दिलचस्पी की सराहना करते हैं. यह एक लंबा मुद्दा है जिसका दक्षिण एशिया और उसके बाहर शांति और सुरक्षा पर गहरा असर है. साथ ही उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर विवाद का कोई भी न्यायसंगत और स्थायी समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक होना चाहिए और कश्मीरी लोगों के मोलिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. शहबाज शरीफ ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यपक मुद्दे है, जिनमे कश्मीर के साथ जल बंटवारा औऱ अन्य विवादास्पद मुद्दे हैं , जिसका भी समाधान किया जाना चाहिए.
कश्मीर पर भारत नहीं मानता तीसरे देश की मध्यस्थता
भारत ने शुरु से ही कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तरह की मध्यस्थता को खारिज किया है. भारत का शुरु से ही साफ मानना है कि ये दो देशों के बीच का मसला है. लेकिन, भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए कह डाला कि अब ये बातचीत का मसला हीं नहीं है. अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के वापसी के मुद्दे पर ही बात होगी या फिर पाकिस्तान अपने यहां पनाह लिए आतंकियों को सौंपे तब ही बातचीत की जा सकती है.
Recent Comments