पाकुड़(PAKUR):पाकुड़ जिले के पाकुड़िया प्रखंड में स्थित सिदपुर गर्म जलकुंड इन दिनों लोगों के लिए बड़ा आकर्षण बना हुआ है. कड़ाके की ठंड के बावजूद यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ-साथ झारखंड के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और बिहार से भी सैलानी पहुंच रहे है.प्राकृतिक रूप से गर्म पानी होने की वजह से लोग सुबह 3 बजे से ही स्नान करना शुरू कर देते है.

कई परिवार यहां पिकनिक मनाने आते है

ठंड बढ़ते ही यहां भीड़ और भी बढ़ जाती है. कई परिवार यहां पिकनिक मनाने आते है.मकर संक्रांति के समय यहां मेला भी लगता है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते है. जलकुंड के पास स्थित मंदिर में लोग स्नान के बाद पूजा भी करते है. खासतौर पर साफहोड़ समाज के लोग इस स्थान को अपनी आस्था का मुख्य केंद्र मानते है, जहां गुरुजन पूजा-पाठ करते है.

कुंड का गर्म पानी गंधकयुक्त

सैलानियों का कहना है कि इस कुंड का गर्म पानी गंधकयुक्त होता है, जिससे स्नान करने पर शरीर हल्का महसूस होता है और कई परेशानियों में राहत मिलती है. वहीं स्थानीय लोगों का दावा है कि इस पानी से चर्म रोग, एक्जिमा, पुराने घाव, फोड़े और पुराने दर्द तक ठीक हो जाते है.

सैलानियों को मिलती है इन सब चीज़ों की सुविधा

पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन की निधि से यहां जल टैंक, महिला-पुरुष शौचालय, चेंजिंग रूम और आरामगाह जैसी सुविधाएं विकसित की गई है.हालांकि, इस स्थल तक पहुंचने वाली सड़क अब भी काफी खराब हालत में है, जिससे पर्यटकों को आने-जाने में परेशानी होती है.

पढे सीता मैया से जुड़ी पौराणिक मान्यता

ग्रामीणों के अनुसार, त्रेता युग में वनवास के दौरान सीता मैया ने इसी कुंड में स्नान किया था. तभी से यह जलकुंड गर्म हो गया और यह स्थान पौराणिक महत्व से जुड़ा माना जाता है.उपायुक्त पाकुड़ की पहल पर सिदपुर गर्म जलकुंड के सौंदर्यीकरण और साफ-सफाई का काम किया जा रहा है. प्रशासन का कहना है कि यह स्थान धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन लंबे समय से उपेक्षित रहा है.मकर संक्रांति और जाड़े के मौसम में यहां हजारों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं, ऐसे में इस जगह का विकास जरूरी है ताकि इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में तैयार किया जा सके.

रिपोर्ट: विकास कुमार