TNP DESK-झारखंड लोक सेवा आयोग का गठन झारखंड के बेहतरीन के लिए किया गया था कि यहां के युवा अधिकारी बनेंगे और झारखंड के विकास पर जोर देंगे. लेकिन शुरू से ही यह आयोग विवाद में रहा है. कभी नेताओं तो कभी अधिकारियों के बच्चों को बिना मेरिट के सेटिंग के दम पर एग्जाम पास कर दिया जाता है तो कभी उसका पेपर लीक हो जाता है. ऐसा ही मामला जेपीएससी 2 में सामने आया. इसके बाद अब एक्शन दिख रहा है. कोर्ट में  सीबीआई ने चार्ज सीट दाखिल कर दिया है.

60 अधिकारियों को समन भेजा गया जिसमें कई ऐसे अधिकारी है जो अभी फिलहाल पुलिस कप्तान की अन्य जिलों में दायित्व को संभाल रहे हैं. तो कई पोस्टिंग का इंतजार कर मुख्यालय में बैठे हैं. जेपीएससी-2 घोटाले की पूरी कहानी जानेंगे तो आप चौंक जाएंगे कि कैसे इतना बड़ा घोटाला झारखंड में हो गया. जिस मामले में 13 साल के बाद कारवाई होने वाली है. जिसे लेकर उन अधिकारियों में भी डर और दहशत है जो सेटिंग के दम पर इस मुकाम तक पहुंचे थे.

सीबीआई की चार्ज सीट में इन सभी के नाम

सीबीआई ने जो चार्ज सीट दाखिल किया है उसमें जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद के अलावा तमाम सदस्य, कर्मचारी और अधिकारी शामिल है जो उसे वक्त अभ्यर्थी थे. इसमें कुछ लोगों का नाम आपको बताते हैं सबसे पहला नाम है राधा प्रेम किशोर, दूसरा विनोद राम हरिशंकर उसके बाद एक हरिहर सिंह, रवि कुमार कुजूर , मुकेश महतो, कुंदन कुमार सिंह, मौसमी नागेश, कानूराम नाग, प्रकाश कुमार संगीता कुमारी रजनीश कुमार शिवेंद्र संतोष कुमार अरविंद सिंह विकास पांडे कुल 28 अधिकारी शामिल है.

घोटाले की जांच सीबीआई ने 2012 में शुरू की थी और प्राथमिकी दर्ज की थी. जांच का आदेश हाई कोर्ट ने दिया था. इस मामले में बड़ी संख्या में गड़बड़ी के सबूत सीबीआई के हाथ लगे इसके बाद चार्ज शीट दाखिल की गई. 

जांच में ये बात सामने आई की जेपीएससी के तत्कालीन सदस्य और कोऑर्डिनेटर के कहने पर 12 परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ा दिए गए थे. कई अभ्यर्थियों की कॉपी में कट छांटकर नंबर बढ़ाए गए और सफल उम्मीदवार के इंटरव्यू में मिले वास्तविक नंबर को भी बढ़ा दिया गया था. कॉपी की जांच गुजरात स्थित फोरेंसिक लैब में कराई गई.  कई ऐसे अधिकारी है जिन्हें प्रमोशन मिल गया था. उसके अलावा अगर देखे तो राधा प्रेम किशोर और मुकेश कुमार महतो प्रोनोति के उम्मीद में अभी भी बैठे हुए हैं. फिलहाल डीएसपी के पद पर है और मुख्यालय में पोस्टिंग है. इस बीच ही अब चार्ट शीट दाखिल हो गई है तो ऐसे में साफ है कि सभी अधिकारियों के लिए मुसीबत खड़ी होने वाली है क्योंकि मजबूत साक्ष्य सीबीआई को मिल गए हैं.

अधिकतर अधिकारी नेताओं के सगे -संबंधी 

इन तमाम अधिकारियों के नाम को देखें तो इसमें कई ऐसे नाम है जो झारखंड के बड़े नेताओं के कोई भाई है तो कोई परिजन है. ऐसे में अपने आप में सवाल खड़ा होता है कि आखिर जेपीएससी द्वितीय में ही इतने अधिकारी नेताओं के घर से कैसे निकल गए.

सलाखों के पीछे जा सकते हैं कई बड़े अधिकारी

अब फिलहाल पूरे मामले में जब चार्ज शीट के बाद आगे कार्रवाई होगी तो कई लोग इसमें सलाखों के पीछे भी जा सकते हैं. कई लोग तो पहले से एंटीसिपेटरी बेल भी अप्लाई कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है की कार्रवाई हुई तो नौकरी तो जाएगी साथ में जेल की भी हवा खानी पड़ सकती है. 

रिपोर्ट: समीर हुसैन