रांची(RANCHI): झारखंड में किसी भी अपराध के बाद उसकी फोरेंसिक जांच के लिए काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था. दरअसल फोरेंसिक लैब में काफी सारे पदों पर नियुक्तियां नहीं हुई थी. मगर, अब इस परेशानी से निजात मिलने की पूरी संभावना है, क्योंकि आज झारखंड मंत्रालय के सभागार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 93 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. इसमें 37 अभ्यर्थियों की नियुक्ति सहायक निदेशक व वरीय साइंटिस्ट और 56 अभ्यर्थियों की नियुक्ति वैज्ञानिक सहायक के पदों पर हुई.
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दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ कार्यक्रम की शुरुआत
इस संबंध में राजधानी में गृह व कारा विभाग ने समारोह का आयोजन किया था. जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दीप प्रज्ज्वलित कर की. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान गृह सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजीपी नीरज सिन्हा के साथ तमाम अधिकारी मौजूद थे. इस कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र पाने वाले अभ्यर्थियों के साथ उनके परिवार वाले भी मौजूद थे.
168 पदों में 43 पर ही पदाधिकारियों की थी नियुक्ति
बता दें कि झारखंड बनने के बाद 2005 में फोरेंसिक प्रयोगशाला का पुनर्गठन किया गया था. मगर, इस प्रयोगशाला में कुल 168 पद हैं, जो पूरे 24 जिलों में हो रहे अपराध की फोरेंसिक जांच करने के लिए उतरदायी होते हैं. मगर, इन 168 पदों में से मात्र 16 पदों पर ही नियमित पधाधिकारी काम कर रहे हैं. वहीं 27 पदों पर कॉन्ट्रैक्ट पर पधाधिकारी काम कर रहे हैं. ऐसे में ये 43 पदाधिकारियों के जिम्मे राज्य के 24 जिलों में हो रहे अपराध के साक्ष्यों की जांच की जिम्मेदारी थी. जिससे जांच में काफी समय लगता था. ऐसे में ये नियुक्तियां इसमें गतिशीलता प्रदान करेगी.
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