पटना (PATNA):बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज भारी हंगामे और सियासी गरमाहट के बीच शुरू हुआ. विपक्षी दलों ने सत्र की शुरुआत से पहले ही विधानसभा परिसर के पोर्टिको के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.हंगामा इस कदर बढ़ा कि विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को अंदर जाने से रोक दिया गया. हालात को नियंत्रित करने के लिए मार्शलों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर वे अध्यक्ष को भीतर ले जा सके.
विरोध की प्रमुख वजहें
विपक्ष ने राज्य में बढ़ते अपराध, खराब कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के पुनःनिरीक्षण को लेकर सरकार और चुनाव आयोग दोनों पर गंभीर आरोप लगाए.विपक्षी नेताओं का कहना है कि जिस तरह से मतदाता सूची की जांच की जा रही है, वह एक साजिश है जिसे उन्होंने 'नोटबंदी के बाद अब वोटबंदी' बताया. उनका आरोप है कि दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और गरीब तबके के लोगों से मतदान का अधिकार छीना जा रहा है.
काला कपड़ा और तख्तियों के साथ विरोध
प्रदर्शनकारी नेता काले कपड़े पहनकर, हाथों में तख्तियां लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते नजर आए। उन्होंने ‘हाय-हाय सरकार’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ जैसे नारे लगाए. इस दौरान वे न सिर्फ मीडिया से मुखातिब हुए बल्कि सत्ताधारी दल के विधायकों और मंत्रियों का रास्ता रोककर भी अपना विरोध दर्ज कराते दिखे.
विधानसभा परिसर में अभूतपूर्व दृश्य
पोर्टिको के बाहर धरने पर बैठे विपक्षी नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष को भी घेरने का प्रयास किया, जिसके चलते स्थिति असामान्य हो गई.विधानसभा अध्यक्ष को अंदर पहुँचाने के लिए सुरक्षा कर्मियों और मार्शलों को बीच-बचाव करना पड़ा.
सियासत तेज़
इस घटनाक्रम ने मानसून सत्र की शुरुआत को ही विस्फोटक बना दिया है. अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच यह टकराव कितनी दूर तक जाएगा. महागठबंधन ने साफ कर दिया है कि वे इस सत्र को मुद्दों के जरिए सरकार को घेरे बिना नहीं छोड़ेंगे.
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